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Homeअपना जौनपुरपत्रकार हत्याकाण्ड : बेटे सार्थक ने दी मुखाग्नि, नम आंखों से अंतिम...

पत्रकार हत्याकाण्ड : बेटे सार्थक ने दी मुखाग्नि, नम आंखों से अंतिम विदाई

  • शव यात्रा में उमड़ा भारी भीड़, सुरक्षा के दृष्टिगत सीओ समेत पुलिस मौजूद

जौनपुर धारा,खुटहन। पत्रकार आशुतोष श्रीवास्तव का शव पोस्टमार्टम के उपरांत सोमवार देर शाम सबरहद स्थित घर पहुंच गया। शव घर पहुंचते ही परिजनों में कोहराम मच गया। वहीं देर रात तक शुभचिंतकों व ग्रामीणों का शोक संवेदना व्यक्त करने वालों का तांता लगा हुआ था।

मंगलवार की सुबह दस बजे अन्तिम संस्कार गांव के बाहर स्थित शवदाह स्थल पर किया गया। मुखाग्नि एकलौता पुत्र सार्थक श्रीवास्तव ने दिया। शव यात्रा में शामिल लोगों की आंखें भीगी रहीं। मुखाग्नि देते ही लोगों का चित्कार निकल गया। सुरक्षा के दृष्टिगत गांव में पुलिस बल तैनात हैं। इस दौरान विधायक रमेश सिंह पूर्व विधायक बांकेलाल सोनकर, आरएसएस, भाजपा, हिन्दू युवा वाहिनी के पदाधिकारियों समेत परिजनों, ग्रामीण, पत्रकार सामाजिक राजनीतिक धार्मिक संगठनों के लोग क्षेत्राधिकारी अजीत सिंह चौहान दल-बल के साथ मौजूद रहे। हत्या के 36घंटे बाद भी पुलिस सुराग लगाने में नाकामयाब रही। हालांकि कई लोग पूछताछ हेतु उठाए गए हैं। परिजन सवाल करते हैं कि आखिर आशुतोष का लोकेशन किसने दिया। वे कभी भी एक वक्त में घर से नहीं निकलते रहे। हत्यारों को कैसे पता की वे घर से निकल चुके हैं। वहीं हत्यारे दो अपाचे बाइक से बतायें जाते हैं। सीसीटीवी फुटेज व वीटीएस टीम क्या कर रही है। पांच्ा टीमें गठित की गयी हैं। लेकिन छह गोली का रहस्य नहीं सुलझ रहा। हौसला बुलंद बदमाशों ने सरे बाजार घटना को अंजाम दे जौनपुर रोड की ओर भाग निकले।इस रोड पर एक इंटर कालेज एक एक पेट्रोल पंप है जहां सीसीटीवी कैमरा लगा है। बताया जाता है कि बदमाशों ने घटनास्थल पर सड़क पर खड़ा हो आशुतोष को रोका। बुलेट अभी रुकी भी नहीं थी कि गोलियों की तड़तड़ाहट गूंज उठा। आशुतोष जब तक कुछ समझ पाते बदमाशों ने काम तमाम कर भाग निकले। क्षेत्राधिकारी अजीत सिंह चौहान का कहना है कि अभी तक तहरीर नहीं मिला है। हालांकि पुलिस मुस्तैदी से जांच में जुटी है। कहा प्रथम दृष्टया दो चार दुश्मनों ने मिलकर प्लानिंग के तहत हत्या करने का मामला लग रहा है। आशुतोष इधर के वर्षों में सौ से ज्यादा प्रार्थना पत्र विभिन्न अधिकारीयों को दिया था। कई में अपनी जान का खतरा बताया था। उन्हें मैंने सुरक्षा कर्मी देने का पेशकश भी किया। लेकिन उन्होंने ने इंकार कर दिया था।

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