सीमा सुरक्षा बल ने 1 नवंबर को बिहार के किशनगंज से भारत- नेपाल बॉर्डर पर पाकिस्तानी मूल की फरीदा मलिक को गिरफ्तार किया था। वह सना खान बनकर भारत में रह रही थी। फरीदा 26 फरवरी 2020 को नोएडा के सेक्टर-18 से गिरफ्तार हुई थी। उस वक्त उत्तराखंड की चंपावत पुलिस उसकी तलाश में नोएडा आई थी। गिरफ्तारी के बाद उत्तराखंड की जेल में 11 महीने रही। बताया जा रहा है कि 17 अक्तूबर को वह कतर से नई दिल्ली आई थी। वह दिल्ली से फ्लाइट से बागडोगरा पहुंची और वहां से सड़क मार्ग से किशनगंज जा रही थी। नेपाल जाते वक्त रास्ते में पकड़ी गई। उसके पास से अमेरिका के कैलिफोर्निया में बना ड्राइविंग लाइसेंस और पासपोर्ट मिला है। जिसमें उसका नाम फरीदा मलिक दर्शाया गया है। उसके पास से नोएडा के एक फिल्म इंस्टीट्यूट का परिचय पत्र भी मिला है। उसमें उसका नाम सना अख्तर लिखा है। उसी संस्थान के कार्ड पर वह टिकट बुक कराकर भारत में घूम रही थी। इसी कार्ड के सहारे वह भारत से नेपाल जाने के फिराक में थी। भारत में नाम बदलकर रहने व नेपाल जाने के पीछे की मंशा के बारे में किशनगंज पुलिस व एसएसबी जानकारी प्राप्त कर रही है।
नेपाल बॉर्डर से गिरफ्तार Isi एजेंट का नोएडा से भी कनेक्शन
