नगालैंड विधानसभा के अध्यक्ष शेरिंगेन लोंगकुमेर नगालैंड में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के सात विधायकों के खिलाफ शरद-पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी की ओर से दायर अयोग्यता याचिका को खारिज कर दिया है. अजित पवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता के रूप में मान्यता देने के चुनाव आयोग के आदेश को आधार बनाकर विधानसभा अध्यक्ष ने यह फैसला किया है.
16 फरवरी, 2024 (शुक्रवार) को दिए गए एक आदेश में, अध्यक्ष ने कहा, ”…अब चुनाव आयोग का निर्णय सामने आ गया है. जिन विधायकों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई थी, उन्होंने अजित पवार का समर्थन किया था. आयोग के फैसले के मुताबिक अब उन पर दल-बदल कानून लागू नहीं होता. इसलिए उनके खिलाफ शिकायतों को लंबित रखने का कोई औचित्य नहीं है. विधानसभा अध्यक्ष लोंगकुमेर ने दसवीं अनुसूची के पैरा 2(1) ए का हवाला देते हुए कहा कि सात विधायक अयोग्य घोषित होने के लिए उत्तरदायी नहीं हैं. ऐसे में याचिका खारिज कर दी गई. अध्यक्ष ने तथ्यों और परिस्थितियों का हवाला देते हुए कहा कि इन विधायकों पर अजित पवार के समर्थन के लिए दल-बदल कानून के तहत अयोग्य ठहराने की कार्रवाई की शिकायत मिली थीं. अब चुनाव आयोग के फैसले पर गौर करें तो उनके खिलाफ ये शिकायत अब नहीं ठहरती. इसलिए वे अयोग्य घोषित नहीं होंगे. दरअसल नगालैंड विधानसभा में एनसीपी के विधायक एर. पिक्टो शोहे, पी. लोंगोन, नाम्री नचांग, वाई. म्होनबेमो हम्त्सो, एस. तोइहो येप्थो, वाई मनखाओ कोन्याक और ए पोंग्शी फोम के खिलाफ शरद पवार गुट की एनसीपी ने शिकायत दर्ज कराई थी. शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के राष्ट्रीय महासचिव हेमंत टेकले ने 30 अगस्त, 2023 को सात विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिका दायर की थी, क्योंकि इन विधायकों ने अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट के पक्ष में समर्थन पत्र दिया था. हेमंत ने सात विधायकों को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल बताया था. वहीं, विधानसभा अध्यक्ष को 30 अगस्त को अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी की ओर से आग्रह किया गया कि सातों विधायकों के संबंध में अयोग्यता याचिका पर भारत के चुनाव आयोग की ओर से अंतिम निर्णय आने तक कोई निर्णय नहीं लिया जाए. एनसीपी की नगालैंड की इकाई के अध्यक्ष वानथुंगो ओडयू ने विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय को 6 फरवरी को चुनाव आयोग की ओर से पार्टी चुनाव चिह्न को लेकर जारी किए गए आदेश को उपलब्ध कराया था.