जौनपुर धारा, गौराबादशाहपुर। अखिल भारत वर्षीय यादव महासभा इकाई जौनपुर के तत्वाधान में गौरव शिक्षा संस्थान धमार्पुर में जिलाध्यक्ष लालजी यादव की अध्यक्षता में आयोजित एक कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि डॉक्टर राम अवध यादव पूर्व सीएमओ ने अपने उद्बोधन ने बताया कि १८ नवंबर १९६२ में भारत और चीन के युद्ध में लद्दाख के त्रिशूल घाटी में जहां हड्डी कंपाने वाली ठंड बर्फ ही बर्फ थी कुमाऊ रेजीमेंट में १२४ अहिर जवानों ने त्रिशूल घाटी पोस्ट पर चीन के १४०० सैनिकों का सीमित हथियारों के बावजूद टीम के कमांडेंट मेजर शैतान सिंह की अगुवाई में जिस तरह से चाइना के अधिकतर सैनिकों को मार डाला और मेजर शैतान सिंह को गोली लगने के बावजूद भी अपने सैनिकों का हौसला बुलंद करते रहे वह हमेशा से इतिहास के स्वर्णाक्षरों मे लिखा जायेगा। हमारे देश के १२४ सैनिकों में जो वहां तैनात थे सब अहिर जाति के थे। ११४ सैनिक शहीद हुए कुछ सैनिक हिरासत में लिए गए। हिरासत के दौरान कुछ सैनिकों की मृत्यु हुई। यह अहिर की वीर जवानों ने १४०० सैनिकों को मार गिराते हुए उनको भागने को मजबूर किया। चाइना के खेमे में इतनी दहशत हुई कि युद्ध बंद करने के लिए मजबूर हो गए। आज ऐसे वीर अहिर जवानों की शहादत पर अखिल भारत वर्षीय यादव महासभा की तरफ से २ मिनट का मौन रहकर उनको याद किया गया और देश के प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति से मांग की गयी कि सेना में अहिर रेजिमेंट बनाया जाए। इस अवसर पर जिलाध्यक्ष लालजी यादव, जिला महामंत्री डॉ. राजपति यादव,संरक्षक राम अवध यादव,संरक्षक राजदेव यादव, जिया राम यादव, जिला कोषाध्यक्ष शिव सहाय यादव, सरिता यादव, आशा यादव आदि लोग मौजूद रहे।
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त्रिशूल घाटी के बलिदानियों को किया गया याद
