पीलीभीत: उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में इन दिनों कड़ाके की ठंड देखने को मिल रही है. इस सर्दी को कुछ लोग अपने तरीके से इंजॉय कर रहे हैं तो वहीं कुछ लोगों की चिंता इस मौसम ने बढ़ा दी है. सर्दी के मौसम में आम तौर पर पीलीभीत टाइगर रिजर्व से वन्यजीव आबादी में चहलकदमी करते देखे जाते हैं. ऐसे में कई बार मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं भी हो जाती है. दरअसल, पीलीभीत टाइगर रिजर्व कई रेंज में बंटा विशाल जंगल है. इस खूबसूरत जंगल में 65 से अधिक बाघ व 101 से अधिक तेंदुए रहते हैं. सर्दी के मौसम में कई बार यह वन्यजीव आबादी का रुख भी कर लेते हैं. कई बार यह चहलकदमी मानव वन्यजीव संघर्ष का रूप भी ले लेती है. टाइगर रिजर्व की सीमा पर सैकड़ों गांव भी बसे हैं. जंगल की इस सीमा के अधिकांश हिस्से में तार फेंसिंग ना होने के चलते वन्य जीव अमूमन गम का रुख कर लेते हैं.
सर्दी के मौसम में गन्ने की खेती
जानकारों के मुताबिक जंगल से सटे गांव में सर्दी के मौसम में गन्ने की खेती की जाती है. कई बार बाघ और तेंदुए शिकार के पीछे पीछे इन खेतों तक पहुंच जाते हैं. जिसके बाद वे लंबे समय तक अपना डेरा इन खेतों में जमाई रखते हैं. इसके अलावा सर्दी के मौसम में इनके पंजों की बेवाई भी फट जाती है. जिस वजह से इन्हें शिकार करने में काफी कठिनाई होती है. तो ऐसे में कई बार यह आसान शिकार के लिए भी आबादी का रुख करते हैं.
जब शहर के नजदीक तक पहुंच गए तेंदुए
बीते कुछ दिनों में ही 2 बार शहर के काफी नजदीक दो अलग-अलग जगह पर तेंदुए भी देखे गए. बीती 12 जनवरी को शहर के आसाम चौराहे से कुछ ही दूरी पर कार सवार युवकों को तेंदुआ नजर आया. जिसका वीडियो बनाकर युवकों ने सोशल मीडिया पर वायरल किया था. 19 जनवरी को शहर के सुप्रसिद्ध यशवंतरी देवी मंदिर के समीप बसे बिलगवां गांव में भी खेतों में काम करने के दौरान ग्रामीणों ने तेंदुआ देखा. दोनों ही मामलों में वन विभाग की टीम मौके पर तो पहुंची लेकिन तेंदुए का कोई सुराग नहीं लग सका.