जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज जल्द ही भारत दौरे पर आ सकते हैं. भारत में जर्मनी के राजदूत फिलिप एकरमैन ने कहा कि जर्मन राजदूत फिलिप एकरमैन ने एक कार्यक्रम में कहा कि जर्मन चांसलर के भारत आने का प्लान है जहां पर वह पीएम मोदी के साथ द्विपक्षीय बातचीत करेंगे. फिलिप एकरमैन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी दो बार जर्मनी का दौरा कर चुके हैं, इसलिए ओलाफ ने भी भारत आने का फैसला किया है, भारत एक अद्भुत जगह है, मैं तो कहुंगा कि उनको तीसरी बार भी भारत के दौरे पर आना पड़ेगा.
क्या बोले जर्मनी के राजदूत फिलिप एकरमैन?
बीते साल 30 नवंबर को फिलिप एकरमैन ने कहा था कि मुझे लगता है कि मैं यह कहना चाहुंगा कि चांसलर ओलाफ स्कोल्ज अगले साल भारत की द्विपक्षीय यात्रा की योजना बना रहे हैं इस दौरान हम कई मुद्दों पर उनसे बातचीत करेंगे. पीएम मोदी ने ओलाफ स्कोल्ज से बीते साल तब मुलाकात की थी जब दोनों नेता एक दूसरे से इंडोनेशिया के बाली में जी20 समिट के दौरान मिले थे. दोनों नेताओं ने आर्थिक संबंधों, रक्षा सहयोग और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों को बढ़ावा देने के तरीकों पर चर्चा की थी. जी20 बैठक 2022 में चांसलर स्कोल्ज और पीएम मोदी के बीच तीसरी बैठक की थी.
बर्लिन के दौरे पर गये थे पीएम मोदी
पीएम मोदी (PM Modi) ने बीते साल 2 मई को 6वें भारत-जर्मनी अंतर-राज्यीय परामर्श ( के लिए बर्लिन का दौरा किया था, जिसके बाद चांसलर स्कोल्ज़ के निमंत्रण पर G7 शिखर सम्मेलन के लिए जर्मनी में श्लॉस एल्मौ में उन्होंने उसकी यात्रा की थी.
कितने पुराने हैं भारत-जर्मनी के राजनयिक संबंध?
भारत और जर्मनी के बीच द्विपक्षीय संबंध लोकतांत्रिक सिद्धांत और उच्च स्तर के विश्वास पर स्थापित हैं. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जर्मनी के संघीय गणराज्य के साथ राजनयिक संबंध स्थापित करने वाले देशों में से एक था. कोल्ड वॉर के दौरान दोनों देशों के बीच संबंधों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई थी.