Become a member

Get the best offers and updates relating to Liberty Case News.

― Advertisement ―

spot_img
Homeअपना जौनपुरछठ पूजा में गन्ने का महत्व होता है सबसे अधिक

छठ पूजा में गन्ने का महत्व होता है सबसे अधिक

  • महिलाओं ने जमकर की खरीदारी, पूजा सामग्री की खूब हुई बिक्री

जौनपुर धारा, जौनपुर। दिवाली के उल्लास के बाद अब दूसरा बड़ा त्योहार छठ पूजा है। कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ का त्योहार मनाया जाता है। छठ पूजा का पर्व चार दिनों तक मनाया जाता है। छठ पूजा मुख्यरूप से बिहार से जुड़ा पर्व है। जिसे अब पूरे देशभर में धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस बार आस्था का महापर्व छठ 17 नवंबर से 20 अक्टूबर तक चलेगा। छठी मईया को गन्ना बहुत पसंद होता है इसलिए इसे चढ़ाए बिना छठ की पूजा पूरी नहीं होती। त्योहार के मद्देनजर नगर में गन्नों की दुकाने भी सजा दी गई है। कार्तिक मास की चतुर्थी तिथि यानी पहले दिन नहाय खाय, दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य और चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इस दौरान व्रती 36 घंटे का निर्जला व्रत रखतीं हैं। इस पर्व पर लोग छठ मईया को प्रसन्न करने के लिए कई तरह के फलों को अर्पित करते हैं। छठ पूजा पर फलों का खास महत्व होता है। छठ पूजा में कई तरह के फल का इस्तेमाल होता है। इन फलों में गन्ने का महत्व सबसे अधिक होता है। गन्ना इनमें सबसे खास फल होता है। इसके अलावा इसमें नारियल, केला, नींबू, सिंघाड़ा, सुपारी अहम फल होता है। कहा जाता है कि गन्ने को पूजा में रखने से छठी मईया प्रसन्न होती हैं और सुख-समृद्धि आती है। हिन्दू मान्यता यह है कि छठी मईया को गन्ना बहुत पसंद होता है इसलिए इसे चढ़ाए बिना छठ की पूजा पूरी नहीं होती। गन्नों को घर के रूप की आकृति में सजाया जाता है और फिर पूजा की जाती है। इस तरह पूजा करने से छठ मईया प्रसन्न होती हैं और परिवार में सुख-समृद्धि भी आती है। इसके अलावा लोक कथाओं के अनुसार गन्ने का इस्तेमाल इसलिए पूजा में होता है क्योंकि गन्ने पर कोई भी पक्षी और पशु नहीं बैठता है इसलिए इसे शुद्ध माना जाता है। वहीं दूसरी मान्यता यह भी है कि छठ पूजा में सबसे पहले नई फसल का प्रसाद चढ़ाया जाता है, इसलिए प्रसाद के रूप में गन्ना जरूर चढ़ाना होता है।

Share Now...