चिलचिलाती गर्मी में नुकसान कर सकता है एसी का 16 डिग्री टेम्प्रेचर

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चिलचिलाती गर्मी में घर के बाहर निकलते ही गर्मी से बुरा हाल हो जाता है, ऐसे में लोग अक्सर घर पहुँचते ही तुरंत एसी को 16 डिग्री के सबसे कम टेम्प्रेचर पर ऑन कर देते हैं. ऐसा करने से लोगों को गर्मी से तो राहत मिल जाती है, परंतु ऐसा करना आप पर बहुत भारी पड़ जाता है. अब आप सोच रहे होंगे कि 16 डिग्री पर एसी चलाना भारी क्यों पड़ेगा? आपको बता दें कि ऐसा करने से बिजली का बिल भी ज्यादा आता है और साथ ही एसी वाले कमरे में बैठे लोगों की हेल्थ के लिए भी नुकसानदायक होता है. अब सवाल यह आता है कि एसी को कितने टेम्प्रेचर पर चलाया जाए जिससे बिजली की भी बचत हो और एसी वाले कमरे में बैठे लोगों की हेल्थ के लिए भी नुकसानदायक ना हो. आइए जानते हैं. बीईई की रिपोर्ट के मुताबिक, एसी वाले कमरे में बैठे लोगों के लिए 24 डिग्री का न्यूनतम टेम्प्रेचर बिलकुल सही होता है. ऐसा करने से बिजली के बिल में भी बचत होती है और हेल्थ पर भी बुरा असर नहीं पड़ता है. बीईई के मुताबिक, जब आप काफी समय तक 16 या 18 डिग्री के टेम्प्रेचर पर एसी को चलाते हैं, तब एसी की हवा से आपकी हेल्थ को नुकसान होने लग जाता है . बीईई ने भारत सरकार से यह अपील भी की है कि सरकार एसी बनाने वाली सभी कंपनियों को निर्देश दे कि वो ऐसे एसी बनाएं जिनमे सबसे कम टेम्प्रेचर 24 डिग्री पर सेट हो.काफी ज्यादा लोगों का मानना हैं कि एसी 16 डिग्री के टेम्प्रेचर पर चलाने से जल्दी कूलिंग करके कमरे को जल्दी ठंडा कर देता है. आपको बता दें कि ऐसा सोचना पूरी तरह से सही नहीं है. जब आप एसी को 16 डिग्री के टेम्प्रेचर पर चलाते हैं तो आपको थोड़ी बेहतर कूलिंग तो महसूस होगी लेकिन ऐसा करने से फायदा काम और नुकसान ज्यादा है. दरअसल, जब एसी को 16 या 18 डिग्री के टेम्प्रेचर पर चलाया जाता हैं तो एकदम से कंप्रेसर पर ज्यादा लोड पड़ता है और बिजली की ज्यादा खपत होती है. इसके अलावा अगर 24 से 27 डिग्री के टेम्प्रेचर पर भी एसी चलाई जाए तो उतने ही समय में कमरे को ठंडा कर देता है. एसी को 16 या 18 डिग्री के टेम्प्रेचर पर सेट ना करके, 24 या 26 डिग्री के टेम्प्रेचर पर सेट करें. एसी को 24 या 26 डिग्री पर सेट करने से बिजली के बिल में 25% से 35% की कमी होगी और यह पर्यावरण के लिए से भी बेहतर होगा. एसी के टेम्प्रेचर को 1 डिग्री बढ़ाने से 3% से 4% बिजली की कम खर्च होती है. जरूरत न होने पर एसी को बंद रखें और एसी वाले कमरे की सही तरीके से इंसुलेशन कराए जिससे ठंडी हवा बाहर न निकले.

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