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पंचायत भवन पर वन विभाग द्वारा लगाया गया ग्रीन चौपाल

केराकत। स्थानीय क्षेत्र के अंतर्गत छितौना गांव स्थित पंचायत भवन पर ग्राम प्रधान ममता यादव की अध्यक्षता में वन विभाग की टीम द्वारा "ग्रीन...
Homeउत्तर प्रदेशचमड़े पर उकेरी रामायण से लेकर महाभारत तक की कलाकृति

चमड़े पर उकेरी रामायण से लेकर महाभारत तक की कलाकृति

अगर आप लेदर पपेट्स क्राफ्ट के दीवाने हैं तो नोएडा की ये बाजार आपके लिए है. यहां पर लेदर से बने प्रोडक्ट को खरीदकर आप अपने घर में लगा सकते हैं. नोएडा हाट में चल रहे सरस आजीविका मेले में आंध्र प्रदेश के स्टॉल से आप छोटी से छोटी और बड़ी बड़ी लैंप और पेंटिंग खरीद सकते हैं.

हमारे देश में अन्य प्रदर्शन कलाओं की तरह छाया कठपुतली की कला भी सैकड़ों साल पहले धार्मिक आस्थाओं और संस्कृति से जुड़ी हुई थी. इसमें ज्यादातर महाभारत और रामायण जैसे धार्मिक ग्रंथों की कहानियों को दिखाया जाता था. साथ ही, इनमें स्थानीय रीति-रिवाजों और कहानियों का भी ज़िक्र होता था. लेकिन, धीमे धीमे ये चीज अब विलुप्त होती जा रही है. लेकिन, आंध्र प्रदेश में बनने वाले लेदर पपेट्स क्राफ्ट द्वारा बनने वाले प्रोडक्ट के लोग आज भी दीवाने हैं. इन्हें कलाकारों ने नया रूप भी दिया है. अपनी कला से पेंटिंग और इलेक्ट्रिक लैंप लोगों का दिल जीत लेती हैं.

300 रुपये से लेकर 1 लाख तक के प्रोडक्ट
लेदर पपेट्स क्राफ्ट को तैयार करने वाली संक्रम्बा ने बताया कि वो ये ढोल वाले लेदर से अनेक प्रोडक्ट बनाते हैं. ये किसी और से लेदर खरीदते है. फिर उन्हें अपने प्रोडक्ट के हिसाब से आकार देते हैं. इसके बाद उन पर सफेद चौक से आकृति करके रंग भरते हैं. इसे लोग बहुत ज्यादा पसंद करते है. उनके यहां यह काम दशकों से हो रहा है. संक्रम्बा ने बताया कि छोटी से छोटी लैंप 500 रुपये और बड़ी ढाई हजार रुपये तक है. वही पेंटिंग सबसे छोटी 300 रुपये से लेकर 1 लाख तक की है.

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