आगरा. आगरा में G-20 समिट के तहत महत्त्वपूर्ण बैठक होनेवाली है. 20 देशों के राष्ट्राध्यक्ष आगरा में फरवरी महीने के पहले सप्ताह में शिरकत करेंगे. मेहमाननवाजी के लिए पूरे आगरा शहर को सजाया जा रहा है. साफ-सफाई के काम से लेकर दीवारों पर रंग-रोगन किया जा रहा है. लेकिन एक तस्वीर ऐसी भी है जो इन अधिकारियों की निगाह से छूटी हुई है. ये तस्वीर ठीक ताजमहल के पीछे ताज टेंडरी की है. यहां यमुना बहती है. इस भाग में यमुना बेहद जहरीली और प्रदूषित है. इस तरफ किसी भी प्रशासनिक अधिकारी का ध्यान नहीं है. हर साल यमुना की सफाई के लिए करोड़ों का बजट खर्च होता है. लेकिन ताजमहल के पीछे यमुना अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रही है.
यमुना किस तरह से हर रोज जहरीली होती जा रही है इसका अंदाज आप इससे लगा सकते हैं कि केवल कैलाश घाट से लेकर ताजमहल तक बिना किसी ट्रीटमेंट के 51 नाले हर दिन यमुना में सीधे तौर पर गिरते हैं. यमुना सिकंदरा कैलाश घाट से ताजमहल दशहरा घाट तक पहुंचते-पहुंचते 3 गुना जहरीली हो जाती है. एक सर्वे के मुताबिक ताजमहल के पीछे की यमुना का पानी बाकी की यमुना के पानी से 3 गुना ज्यादा जहरीला है. आप सोच सकते हैं कि जब बड़ी मात्रा में शहर के बड़े नाले यमुना में गिरेंगे तो यमुना का क्या हाल होगा? चारों तरफ पॉलीथीन कचरा, प्लास्टिक, गंदगी का अंबार लगा हुआ है. पहली बार G20 की अध्यक्षता भारत को मिली है. ऐसे में ताजमहल के पास जब यमुना की यह दशा दिखेगी तो इससे हमारे देश की क्या छवि बनेगी? हालांकि तमाम अधिकारी लगातार जुटे हुए हैं और सड़कों का खूब ब्यूटीफिकेशन कर रहे हैं- लेकिन करोड़ों रुपए खर्च करके भी यमुना की स्थिति जस की तस है.