अयोध्या: मोहम्मद कफील नाम के युवक की संदिग्ध परिस्थितियों के मौत का मामला अब सियासी मुद्दा बनता जा रहा है. दरअसल सपा के पूर्व राज्य मंत्री पवन पांडे ने पुलिस पर हत्या का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा सरकार में कस्टोडियल डेथ के मामले बढ़ते जा रहे हैं. वहीं पुलिस का कहना है कि ये झूठा आरोप है. कफील की मौत हादसे में हुई है. वहीं, इस मामले में कफील की पत्नी ने इंसाफ की गुहार लगाई है. अब यह पूरा मामला क्या है, इसे लेकर कई तरह की चर्चाएं भी हो रही हैं.
दरअसल पूरा मामला कोतवाली नगर के साहबगज चौकी क्षेत्र का है. जहां के बछड़ा सुलतानपुर में मोहम्मद कफील का परिवार रहता है. मोहम्मद कफील किराए का ई रिक्शा चलाकर अपने परिवार का पालन पोषण करता था. चोरी के शक में चौकी क्षेत्र के ही बेनीगंज से दो पुलिसकर्मी सादा वर्दी में कफील को उठा ले गए थे. कफील की मौत की सूचना पर सपा नेता पांडे पीड़ितों के घर पहुंचे और परिवार को ढांढ़स बंधाया. पुलिस प्रशासन और सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा भाजपा सरकार में कस्टोडियल डेथ बढ़ती जा रही है. पांडे ने कहा, पुलिसकर्मी कफील को ले गए थे, जिसके बाद जिला अस्पताल में उसको लावारिस रूप में भर्ती कराया गया जहां उसकी मौत हो गई. लिहाजा दोषी पुलिसकर्मियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज होना चाहिए और कफील के परिजनों को 50 लाख रुपये मुआवजा मिलना चाहिए. पूरे मामले पर एसपी सिटी मधुबन सिंह का कहना है कफील रास्ते में गिर गया था. स्थानीय लोगों ने उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसकी मौत हो गई. सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और पोस्टमार्टम करवाया तो मौत की वजह फेफड़े में संक्रमण पाया गया. इधर, पुलिस की हादसे और बीमारी की थ्योरी को कफील की पत्नी गुड़िया ने खारिज करते हुए कहा सादी वर्दी में पुलिस उसके पति को ले गई थी, फिर शव अस्पताल में मिला. गुड़िया ने कहा उसे इंसाफ चाहिए. उसके पति को कोई बीमारी नहीं थी.