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एक राष्ट्र, एक चुनाव अत्यंत आवश्यक : रीता बहुगुणा

जौनपुर धारा, जौनपुर। सोमवार को मोहम्मद हसन कॉलेज सभागार में एक राष्ट्र, एक चुनाव में महिलाओं की भागीदारी विषय पर एक उच्च स्तरीय संगोष्ठी का आयोजन भव्यता के साथ संपन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता नगर पालिका परिषद अध्यक्ष मनोरमा मौर्य ने की, तथा मुख्य अतिथि के रूप में देश की प्रतिष्ठित शिक्षाविद् एवं प्रखर राजनेत्री प्रोफेसर रीता बहुगुणा जोशी उपस्थित रहें। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन एवं मां सरस्वती की वंदना के साथ अत्यंत श्रद्धा एवं गरिमा के वातावरण में हुआ। तत्पश्चात विद्यालय के आदरणीय प्राचार्य डॉ.अब्दुल कादिर खान ने पुष्पगुच्छ एवं स्मृति चिह्न भेंट कर सभी अतिथियों का ससम्मान स्वागत किया। स्वागत भाषण में डॉ.अब्दुल कादिर खान ने कहा कि हमारे विद्यालय के लिए यह अत्यंत गौरव का विषय है कि आज हम ‘एक राष्ट्र, एक चुनावÓ जैसे समसामयिक एवं महत्वपूर्ण विषय पर विमर्श कर रहे हैं। भारत जैसे विविधतापूर्ण राष्ट्र में इस प्रकार के नवाचार लोकतंत्र को सुदृढ़ करने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल हैं। महिलाओं की सक्रिय सहभागिता के बिना लोकतंत्र पूर्ण नहीं कहा जा सकता। शिक्षण संस्थानों का परम कर्तव्य है कि वे राष्ट्रीय चेतना, सामाजिक उत्तरदायित्व तथा नेतृत्व क्षमता का विकास करें। विद्यालय के प्रधानाचार्य मोहम्मद नासिर खान ने भी मुख्यअतिथि का पुष्पगुच्छ एवं स्मृति चिह्न भेंट कर हार्दिक स्वागत किया। मुख्य अतिथि प्रोफेसर रीता बहुगुणा जोशी ने अपने गहन और प्रेरणादायी संबोधन में कहा कि भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। इसकी मजबूती और समरसता के लिए ‘एक राष्ट्र, एक चुनावÓ जैसे नवाचार अत्यंत आवश्यक हैं। इससे न केवल संसाधनों की बचत होगी, बल्कि चुनाव प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और सशक्त बनेगी। महिलाएँ केवल देश की आधी आबादी नहीं, बल्कि लोकतंत्र की आत्मा हैं। जब तक महिलाएँ विधायिका, कार्यपालिका और नीति निर्माण में निर्णायक भूमिका में नहीं होंगी, तब तक लोकतंत्र की संपूर्णता संभव नहीं है। उन्होंने कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत के विविधता में एकता को सामने रखते हुए कहा कि हमारे देश का आंतरिक तानाबाना कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक, असम से लेकर गुजरात तक फैला हुआ है। ‘एक राष्ट्र, एक चुनावÓ जैसी पहल से न केवल हमारे संसाधनों की बचत होगी, बल्कि यह एकता का प्रतीक बनकर सभी क्षेत्रों के नागरिकों को जोड़ने का कार्य करेगा। इस एकीकरण के माध्यम से हम अपनी सामूहिक शक्ति को महसूस करेंगे और एकजुट होकर अधिक सशक्त राष्ट्र बनेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्ष मनोरमा मौर्य ने अपने प्रेरक संबोधन में कहा कि हमारे देश की महिलाओं ने प्रत्येक युग में नेतृत्व क्षमता का परिचय दिया है। कार्यक्रम संयोजक डॉ.जान्हवी श्रीवास्तव ने अपने संबोधन में कहा कि जब चर्चा राष्ट्र के विकास की होगी तो उसमें महिलाओं की वास्तविक, निर्णायक सहभागिता अनिवार्य है। संगोष्ठी के दौरान महाविद्यालय के प्राध्यापकों एवं छात्राओं ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए। प्रश्नोत्तर सत्र अत्यंत उत्साहपूर्ण एवं जीवंत रहा, जिसमें छात्राओं ने अनेक जिज्ञासाएँ प्रस्तुत कीं तथा विशेषज्ञों ने उनका समाधान करते हुए गहन विश्लेषण प्रस्तुत किया। छात्र-छात्राओं ने व्यक्त किया कि इस संगोष्ठी ने उन्हें राजनीति, नीति निर्माण एवं प्रशासनिक क्षेत्रों में सक्रिय योगदान देने हेतु प्रेरित किया है। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ अत्यंत गरिमापूर्ण वातावरण में संपन्न हुआ। कार्यक्रम में माधुरी गुप्ता, प्रीति गुप्ता, खुशबू श्रीवास्तव, डॉ.पूनम श्रीवास्तव, उर्वशी सिंह, शाहिद अलीम, डॉ.जीवन यादव, आर.पी.सिंह, अहमद अब्बास खान सहित अनेक गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।

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