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इस युवा की मेहनत से कई गांवों के बच्चों का संवर रहा भविष्य…

किताबों का जीवन में काफी महत्व होता है. वही पढ़ने की कोई उम्र भी नहीं होती है. इसी सोच के साथ यूपी के हरदोई में एक युवक के द्वारा एक लाइब्रेरी की शुरुआत की गई है. जिससे आस-पास के कई गांवों के बच्चों को किताबों के लिए बाहर नहीं जाना पड़ता और ना ही किताबे खरीदकर लाना पड़ता है. जिससे कि उनके भविष्य को संवरने में काफी सहयोग मिलता है. इसी वजह से इस युवा की तारीफ मोदी भी कर चुके हैं.

हरदोई के मल्लावां क्षेत्र के गांव बांसा के रहने वाले जतिन ललित ने अपने गांव में एक निःशुल्क कम्युनिटी लाइब्रेरी की लगभग 3 वर्ष पहले शुरुआत की थी जिसमें आस-पास के गांव के सैकड़ों बच्चे पढ़ने के लिए आते हैं. वह बताते हैं कि उनकी लाइब्रेरी में 3700 किताबें हैं जिसमे छोटे बच्चों के लिए पिक्चर बुक्स, कहानियां साथ ही बड़े बच्चों के लिए नॉबेल व कंपटीशन सहित कानून की किताबें भी उपलब्ध हैं. जिनको पढ़ने के लिए दूर-दूर से बच्चे इस लाइब्रेरी में आते हैं. जतिन बताते हैं कि वह 12वीं की पढ़ाई के बाद आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली चले गए थे. जहां पर वह एक कम्युनिटी लाइब्रेरी में काम करते थे. उसी दौरान कोरोना जैसी वैश्विक महामारी फैली तो लॉकडाउन लगा जिसकी वजह से सारे शैक्षिक संस्थान बंद हो गए. जिस वजह से उनकी भी पढ़ाई प्रभावित हो गई. वहीं उन्होंने सोंचा की जिस तरह से उनकी पढ़ाई प्रभावित हुई उसी तरह से उनके यहां के बच्चों की भी पढ़ाई प्रभावित हुई होगी तो वह वापस गांव आ गए और उन्होंने अपने गांव बांसा में ही एक निःशुल्क कम्युनिटी लाइब्रेरी की स्थापना कर दी. जिसमें आज के समय मे सैकड़ों बच्चे निःशुल्क किताबें पढ़ने के लिए आते हैं और अपना ज्ञान बढ़ा रहे हैं. जतिन के द्वारा जिले की पहली निःशुल्क कम्युनिटी लाइब्रेरी की शुरुआत करने व उनके इस तरह के प्रयासों की देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मन की बात कार्यक्रम में जतिन की तारीफ की थी. जतिन बताते हैं कि उनकी लाइब्रेरी में प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए विद्यार्थियों को टिप्स बताए जाते हैं और टेस्ट भी होते रहते हैं. वह बताते हैं कि उनकी लाइब्रेरी में पढ़ने वाले कई ऐसे बच्चे हैं जो कि प्रतियोगी परीक्षाओं की बाधा को तोड़ कर आज सरकारी पदों पर आसीन हैं.

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