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Homeअपना जौनपुरआचार संहिता लागू होते ही उतारे गये पोस्टर-बैनर

आचार संहिता लागू होते ही उतारे गये पोस्टर-बैनर

  • चुनाव तिथियों के लागू होते ही देशभर में लगा आचार संहिता
  • सात चरणों में होंगे लोकसभा चुनाव, 4 चरणों में यूपी करेगा मतदान

जौनपुर धारा,जौनपुर। 2024 लोकसभा चुनाव की तिथियों का ऐलान चुनाव आयोग ने शनिवार को कर दिया। चुनाव आयोग की इस घोषणा के साथ ही देश भर में आचार संहिता लागू हो गई। इसी के साथ ही देश भर में चुनाव के प्रचार प्रसार सामग्रियों पर भी रोक लग गई है। वहीं यूपी के अलग अलग जिलों में नगर निमन के निगम निवेश अमले और पुलिस प्रशासन की टीम होर्डिंग्स और बैनर हटाने में जुट गई हैं।

जौनपुर में जगह-जगह से राजनीतिक दलों के पोस्टर, बैनर्स और होर्डिंग्स हटाई गई। प्रमुख स्थलों पर लगे पोस्टर और होर्डिंग को हटाने का कार्य पालिका कर्मी करते रहे। प्रशासन भी इस बात पर नजर लगाए हुए है कि कोई भी पोस्टर और बैनर न छूट जाए, जिससे आदर्श आचार संहिता को लागू करने में कोई बाधा न हो। चुनाव की आचार संहिता जारी होते ही प्रशासन की टीम सड़क पर उतर आई। नेताओं के होर्डिंग व बैनर को हटाया जा रहा है। 18वीं लोकसभा के गठन के लिये सात चरण में 19 अप्रैल से 01जून तक होने वाले चुनाव के मद्देनजर देश में चुनाव आचार संहिता तत्काल प्रभाव से लागू हो गयी है। चुनाव आयोग ने देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए कुछ नियम बनाए हैं। आयोग के इन्हीं नियमों को आचार संहिता कहते हैं। चुनाव आयोग ने शनिवार को चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया। आचार संहिता निर्वाचन प्रक्रिया पूरी होने तक लागू रहती है। इसके बाद कोई आम आदमी भी इन नियमों का उल्लंघन करता है, तो उस पर भी आचार संहिता के तहत कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान किसी भी सरकारी अधिकारी, कर्मचारी की ट्रांसफर-पोस्टिंग सरकार नहीं किया जा सकता है। आज से पार्टी की जुलूस या रैली निकालने के लिए प्रत्याशी को चुनाव आयोग से अनुमति लेनी होगी। इस दौरान चुनावी खर्च में वो राशि शामिल होगा, जो एक उम्मीदवार चुनाव अभियान के दौरान कानूनी रूप से खर्च करेगा। इसमें सार्वजनिक बैठकों, रैलियों, विज्ञापनों, पोस्टर, बैनर, वाहनों और विज्ञापनों पर खर्च शामिल होगा। जन-प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 77 के तहत प्रत्येक उम्मीदवार को नामांकन की तिथि से लेकर परिणाम घोषित होने की तिथि तक किए गए सभी व्यय का अलग और सही खाता रखना होगा। चुनाव संपन्न होने के 30 दिनों में उम्मीदवारों को चुनाव आयोग के समक्ष अपना व्यय विवरण प्रस्तुत करना होगा। यदि प्रत्याशियों ने गलत विवरण प्रस्तुत किया तो अधिनियम की धारा 10 के तहत चुनाव आयोग उसे तीन साल के लिए अयोग्य घोषित कर सकता है।

  • 7 चरणों में होगा चुनाव, 4 जून को आएंगे नतीजे
  • 19 अप्रैल को होगा पहले चरण का चुनाव
  • 4 जून को देश में होगी मतगणना
  • 26 अप्रैल को दूसरे चरण का होगा चुनाव
  • 7 मई को तीसरे चरण का होगा चुनाव
  • 13 मई को चौथे चरण का होगा चुनाव
  • 20 मई को पांचवें चरण का होगा चुनाव
  • 25 मई को होगा छठे चरण का चुनाव
  • 1 जून को होगा सातवें चरण का चुनाव
  • उत्तर प्रदेश में 4, 5, 6, 7 चरणों में होंगे चुनाव

छठे चरण में होगा जौनपुर का मतदान पूरे देश में आचार संहिता भी लागू हो गई है। यूपी में 25 मई को छठे चरण की वोटिंग में सुलतानपुर, प्रतापगढ़, फूलपुर, इलाहाबाद, अंबेडकरनगर, श्रावस्ती, डुमरियागंज, बस्ती, संतकबीरनगर, लालगंज, आजमगढ़, जौनपुर, मछलीशहर, भदोही का मतदान किया जायेगा। उत्तर प्रदेश में लोकसभा की कुल 80 में 15.29 करोड़ मतदाता हैं। जिनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 8.14करोड़ और महिला मतदाताओं की संख्या 7.15 करोड़ है।

कौन-से काम आचार संहिता लागू होने के बाद भी नहीं रुकेंगे

आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद भी आप अपनी पेंशन्ा बनवाने के लिए सरकारी कार्यालय जा सकते हैं। कोई भी अधिकारी इसके लिए मना नहीं कर सकता है। वहीं, आधार कार्ड, जाति प्रमाण पत्र बनाने क काम भी इस दौरान जारी रहेगा। बिजली-पानी, साफ-सफाई से जुड़े काम सुचारू तौर पर होते रहेंगे। वहीं, आप इलाज के लिए आर्थिक सहयोग लेने के लिए पूरी तरह से स्वतंत्र रहेंगे। प्रशासन को सड़कों की मरम्मत का काम जारी रखना होगा। इसके अलावा किसी भी चालू परियोजना पर रोक नहीं लगेगी। आचार संहिता का बहाना बनाकर कोई अधिकारी आपके ये जरूरी काम नहीं टाल सकता है।

सरकारी संसाधनों का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं नेता

लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान कोई भी मंत्री सरकारी दौरे को चुनाव के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकता है। सरकारी संसाधनों का किसी भी तरह चुनाव के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। यहां तक कि कोई भी सत्ताधारी नेता सरकारी वाहनों और भवनों का चुनाव प्रचार या चुनावी दौरों में इस्तेमाल नहीं कर सकता। केंद्र सरकार और काई भी राज्य सरकार न तो कोई घोषणा कर सकती है, न शिलान्यास और न ही लोकार्पण कर सकती है।

वोटिंग से 24 घंटे पहले और मतदान वाले दिन के नियम

मतदान के दिन मतदान केंद्र से 100 मीटर के दायरे में चुनाव प्रचार पर रोक रहेगी। मतदान से एक दिन पहले यानी 24 घंटे पहले से किसी भी तरह की बैठक पर रोक रहेगी। पूरी चुनावी प्रक्रिया के दौरान कोई सरकारी भर्ती नहीं होगी। चुनाव के दौरान माना जाता है कि प्रत्याशी शराब बांटते हैं। लिहाजा, वोटर्स को शराब बांटना भी आचार संहिता में मना है। चुनाव अभियान के लिए रोड शो, रैलियों या किसी दूसरी वजह से यातायात में रुकावट आचार संहिता का उल्लंघन माना जाता है। चुनाव के दौरान मतदान केंद्रों के आसपास चुनाव चिह्नों का प्रदर्शन नहीं किया जाएगा।

सार्वजनिक जगहों का सभी प्रत्याशी कर सकते हैं इस्तेमाल

हेलीपैड, मीटिंग ग्राउंड, बंगले, सरकारी गेस्ट हाउस जैसी सार्वजनिक जगहों पर कुछ प्रत्याशी एकाधिकार नहीं जमा सकते हैं। इन जगहों को प्रतिस्पर्धी प्रत्याशी समान रूप से इस्तेमाल कर सकते हैं। आचार संहिता कहती है कि प्रतिस्पर्धी उम्मीदवारों और उनके प्रचारकों को अपने प्रतिद्वंद्वियों के जीवन का सम्मान करना चाहिए। उनके घरों के सामने रोड शो या प्रदर्शन आयोजित करके उन्हें परेशान नहीं करना चाहिए। मतदान पर्यवेक्षकों के पास मतदान में किसी भी मुद्दे की शिकायत दर्ज की जा सकती है।

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