- उगते सूरज को अर्घ्य देकर होगा महापर्व का समापन
- नगर के समस्त घाटों पर भव्य तरीके से होता है पूजा-अर्जना
जौनपुर धारा, जौनपुर। रविवार को जनपद के तमाम घाटों पर अस्त होते सूर्य को अर्घ्य देने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही। घाटों पर व्रती महिलाओं के साथ हजारों श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना कर पूरे विधि-विधान से अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया। शहर के हनुमान घाट, बजरंग घाट, विसर्जन घाट, सूरजघाट, गोपीघाट, तूतीपुर घाट, अचलाघाट, सूरजघाट, गूलरघाट, केरारबीर घाट सहित अन्य घाटों पर श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ा रहा। शहर घाटों पर प्रशासन की कानून व्यवस्था चुस्त-दुरूस्त रही, तथा पूजा के लिये विशेष व्यवस्था की गई थी।

विधि-विधान से घण्टों पूजा-अर्चना के बाद अस्त होते सूर्य को अर्घ्य दिया गया। सुबह से ही स्थानीय लोग घाटों पर अपनी जगह तलाशने व वेदी बनाने में लग गये थे। सुबह बेदी बनाकर शाम पूजा करने वाले स्थान को चिन्हित कर शाम को पूजा अर्चना कर डूबते सूरज को अर्घ्य दिया गया। इसी तरह सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही छठ पूजा का समापन होगा। शीतला धाम चौकिया में मां शीतला छठ पूजा समिति के बैनर तले शीतल कुंड पर छठ का महापर्व पूजा मनाया गया। लोक आस्था के महापर्व ‘छठ’ का हिन्दू धर्म में अलग महत्व है।

यह एकमात्र ऐसा पर्व है जिसमें न केवल उदयांचल सूर्य की पूजा की जाती है बल्कि अस्ताचलगामी सूर्य की भी अराधना की जाती है। महापर्व के दौरान हिन्दू धर्मावलम्बी भगवान सूर्य देव को जल अर्पित कर उनका आराधना किया गया। बिहार में इस पर्व का खास महत्व है, लेकिन आज के समय में बिहार से लेकर देश के तमाम स्थानों पर छठ की मान्यता है। कहा जाता है कि छठी मईया सूर्य देव की बहन है और उन्हीं को प्रसन्न करने के लिए भगवान सूर्य की अराधना की जाती है।

बता दें कि तूतीपुर घाट पर स्थानीय लोगों द्वारा विभिन्न प्रकार की व्यवस्थाएं की गई है। इस दौरान श्रद्धालुओं को अर्घ्य देनें के लिये निःशुल्क दूध की व्यवस्था की गई। काफी समय से तूतीपुर घाट क्षेत्र के लोगों का एक समूह महापर्व के लिये खास व्यवस्था करता चला आ रहा है।

अतुल्य वेल्फेयर ट्रस्ट परिवार के गुलाबी समिति अध्यक्ष बिट्टू और सचिव डॉली जोशी किन्नर के नेतृत्व में भव्य डाला छठ पूजा का आयोजन अस्ताचलगामी सूर्य भगवान को अर्घ्य देकर राम जानकी मंदिर बावलिया पोखरा घास मंडी चौराहा शाहगंज मे किया गया है।
