Become a member

Get the best offers and updates relating to Liberty Case News.

― Advertisement ―

spot_img

इरान में फंसी महिला सुरक्षित लौटी अपने वतन, व्यक्त किया आभार

परिवार में मिलने के बाद दोनों तरफ से छलक उठे आंसूजौनपुर। इरान में फंसी जौनपुर की फरीदा सरवत जब अपने परिवार से मिलीं तो...
Homeअपना जौनपुरअयोध्या : आस्था के प्रतीक प्राण प्रतिष्ठा के लिये उत्साहित है लोग

अयोध्या : आस्था के प्रतीक प्राण प्रतिष्ठा के लिये उत्साहित है लोग

  • तमाम राजनीतिक हस्तियों समेत विदेशी मेहमान बनेंगे इस महाआयोजन के गवाह

जौनपुर धारा(शिवप्रसाद अग्रहरि)

सिकरारा। अयोध्या एक ऐसी धार्मिक नगरी जिसके लिए न जाने कितने संघर्ष हुए, कितने लोग इसके लिए शहीद हो गए, आज उस अयोध्या राम नगरी के अच्छे दिन आ गए। आगामी 22 जनवरी को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों द्वारा अयोध्या में निर्मित भव्य राममंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम है। जिसमें देश के माने जाने राजनीतिक हस्तियों समेत विदेशी मेहमान भी गवाह बनेंगे। इसके अलावा देश एवं प्रदेश भर से कोने-कोने से लोग अयोध्या राम नगरी में डेरा डाले हुए हैं। 500वर्षों पुरानी इस भव्य मंदिर के इस आयोजन को लेकर देशवासियों में जहां जबरदस्त उत्साह है वही उत्तर प्रदेश के लोगों में भी खूब उत्साह है। क्योंकि जब अयोध्या के राम नगरी का नाम आता है तो उत्तर प्रदेश अपने आप सामने आ जाता है। उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में भी लोग काफी खुश है। लोगों का कहना है कि आज वह शुभ घड़ी आ गई है जब रामलाल अपने टेंट से निकलकर भव्य राम मंदिर में विराजमान होंगे। यह हम लोगों के लिए आस्था के साथ-साथ गौरव का दिन है। बता दें कि इस भव्य राममंदिर को लेकर न जाने कितने लोगों पर गोलियां चलवाई गई, कितने लोग इस राम मंदिर के लिए शहीद हो गए, कितने लोगों ने पुलिस की लाठियां खाई, लेकिन राम भक्तों ने हिम्मत नहीं हारी। रामलला की भव्य मंदिर के लिए संघर्ष करते रहे। साल 1984 में विश्व हिंदू परिषद ने देशभर में विवादित जमीन पर राम मंदिर बनाने के लिए आंदोलन शुरू किया। साल 1986 में जिला जज ने मस्जिद के दरवाजे से ताला खोलने और दर्शन की इजाजत दी। साल 1989 में विश्व हिंदू परिषद ने विवादित जमीन के पास ही राम मंदिर का शिलान्यास किया और पहला पत्थर रखा। अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए पूजा अर्चना और अनुष्ठान का दौर शुरू हो गया है। 22जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों मंदिर का उद्घाटन होगा। इस मौके पर देश के माने जाने साधु संतों के अलावा प्रकांड विद्वान रामलला के कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे। इसके बाद मंदिर को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा। राम मंदिर के उद्घाटन के साथ ही राम भक्तों के 500 साल का इंतजार खत्म हो जाएगा और वो अपने प्रभु राम के दर्शन कर सकेंगे। इस पल का हर राम भक्त बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रहा है। श्रद्धालु मुख्य द्वार से ही रामलला के दर्शन कर पाएंगे। भारत में मंदिर डिजाइन की 16 शैलियां है, उत्तर में नागर शैली, दक्षिण में द्रविड़ शैली। उत्तर भारत के मंदिरों की तरह अयोध्या मंदिर को भी नागर शैली में डिजाइन किया गया है। इस शैली में पूरा मंदिर एक विशाल चबूतरे यानी वेदी पर बनाया जाता है। उस तक पहुंचने के लिए सीढ़ियां बनी होती है, सोमनाथ मंदिर से लेकर जगन्नाथ मंदिर तक इसी शैली में बनी हुई है। 500 वर्षों की अथक प्रयास और बलिदान के बाद प्रभु श्री राम का मंदिर बनकर तैयार है। इस मंदिर को बनने के लिए कितने लोगों ने बलिदान दिया और क्या-क्या संघर्ष करना पड़ा।इतिहास इस बात का स्वयं साक्षी है। आज अयोध्या के राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का इंतजार करोड़ों श्रद्धालु कर रहे हैं। भारत देश के साथ-साथ विदेशों में भी राम मंदिर को लेकर चर्चाएं बहुत जोरों पर चल रही है। 22जनवरी को भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई गणमान्य मेहमान मौजूद रहेंगे। बता दे कि इस मंदिर के लिए वर्ष 1989-90 में बड़े पैमाने पर आंदोलन हुआ था। इसमें देश भर के हजारों लाखों श्रद्धालु शामिल हुए थे। मंदिर निर्माण के आंदोलन में शामिल लोगों को कारसेवक कहा जाता है। इन कारसेवकों में राम और शरद कोठारी भी शामिल थे।

Share Now...