अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य सम्मान और समान अधिकार

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कानपुर: हर साल 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य महिलाओं की सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक उपलब्धियों का सम्मान करना और महिलाओं के समान अधिकार, महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है. आज हम एक ऐसी महिला आईपीएस अधिकारी के बारे में बात करेंगे जिन्होंने न सिर्फ महिला सशक्तिकरण का खुद में एक उदाहरण पेश किया है बल्कि अन्य महिलाओं को प्रेरित कर उनको भी सशक्त किया है.

कानपुर में डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस पद पर तैनात आईपीएस रवीना त्यागी उत्तर प्रदेश की तेजतर्रार महिला अधिकारियों में शुमार हैं. वह आए दिन सड़कों पर लोगों की मदद करते, लोगों को समझाते और कड़ा रुख अपनाते दिख जाती हैं. कानपुर की सुपर कॉप ने कानपुर दक्षिण में अपनी तैनाती के दौरान अभियान चलाकर मनचलों और महिलाओं से छेड़छाड़ करने वाले रोमियों पर सख्त कार्रवाई की थी. इतना ही नहीं महिलाओं को आत्मरक्षा के लिए भी प्रेरित किया था. इसके साथ ही उन्होंने कानपुर की पहली महिला चौकी गोविंद नगर में खुलवाई थी और महिलाओं के साथ होने वाले क्राइम को कंट्रोल करने के लिए उन्होंने अभियान चलाया था. रवीना त्यागी का जन्म मध्य प्रदेश के भोपाल में 11 नवंबर 1987 को हुआ था. उनके पिता फारेस्ट सर्विस में थे, जिस वजह से वह बचपन से ही मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में रही हैं. 12वीं परीक्षा पास करने के बाद उन्होंने जेपी इंस्टिट्यूट ऑफ इनफार्मेशन एंड टेक्नोलॉजी नोएडा से बीटेक बायोटेक्नोलॉजी किया. इसके बाद उनका कॉलेज से सिलेक्शन हो गया, जिसके बाद उन्होंने लगभग 2 साल एक कंसल्टेंसी फर्म में नौकरी की, लेकिन उनको वहां पर सेटिस्फेक्शन नहीं हुआ और उन्होंने किसी अन्य फील्ड पर जाने का मन बनाया. जिसके बाद उन्होंने सिविल सर्विसेज की तैयारी कर 2014 में यूपी कैडर में जगह बनाई. रवीना त्यागी ने बताया कि उन्हें उनकी पढ़ाई और नौकरी के दौरान परिवार का पूरा सहयोग और साथ मिला है. उनके परिवार के साथ उनके ससुराल का भी उनको पूरा साथ और सहयोग मिला है. अपराधियों और अपराध की रोकथाम के लिए जहां रवीना का सख्त रवैया देखने को मिलता है, तो वहीं लोगों की मदद के लिए हमेशा उनका एक सरल पहलू सामने आता है. आईपीएस रवीना त्यागी का बीते दिनों एक सरल स्वभाव का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था. जिसमें मुर्रे कंपनी पुल पर एक महिला सड़क दुर्घटना में घायल हो गई थी, जिसे रवीना त्यागी ने अपनी गाड़ी में बैठाकर अस्पताल ले गई थीं. उनके इस कार्य की जमकर सराहना भी हुई थी. वहीं कोरोना के समय वह अचानक वृद्ध आश्रम पहुंच गई थीं. वहां पर उन्होंने बुजुर्गों से बात करते हुए कहा था कि उन्हें अपने माता-पिता की याद आ रही थी तो उन्होंने सोचा क्यों ना यहां पर अपने माता-पिता ढूंढ लिए जाए. इसलिए वह आई हैं उनका यह वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर सुर्खियां बटोरी थी.

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