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हाफ पैंट या मिनी स्कर्ट पहनकर आए तो इस मंदिर में नहीं मिलेगी एंट्री

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर का एक मंदिर अपने फरमान के कारण चर्चा में है. नगर की नई मंडी कोतवाली क्षेत्र स्थित बालाजी धाम मंदिर के बाहर एक नोटिस लगा है. इसमें लिखा गया कि सभी महिला एवं पुरुष मंदिर में मर्यादित वस्त्र पहनकर ही आएं…. छोटे वस्त्र, हाफ पैंट, मिनी स्कर्ट, नाइट सूट, कटी-फटी जींस आदि पहन कर बाहर से ही दर्शन करें. नोटिस बोर्ड में लिखा गया- अगर कोई इस प्रकार के वस्त्र पहनकर बालाजी धाम पर प्रभु के दर्शन करने के लिए आता है तो अब उसे इससे वंचित रहना पड़ेगा.. ऐसे कपड़े पहन कर आने वालों को अब बाहर से ही दर्शन कर वापस लौटना होगा.

गौरतलब है कि नगर में स्थित यहां के बालाजी धाम मंदिर की अपनी एक अलग ही पहचान है, जिसके चलते यहां पर दूर-दराज से श्रद्धालु बालाजी महाराज के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं… लेकिन अब यहां पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को बालाजी महाराज के दर्शन करने से पहले अपने वस्त्रों के बारे में जरूर सोचना पड़ेगा कि आखिरकार उन्होंने पहना क्या है? इस मंदिर के पंडित अलोक शर्मा ने तो इसको लेकर साफ़-साफ़ शब्दों में कहा है कि अगर कोई इस फ़रमान को नहीं मानता है तो पहले उसे समझाओ और तब भी ना माने तो उस पर जुर्माना भी लगाना चाहिए जिससे मंदिर की गरिमा बनी रहे. आलोक शर्मा का कहना है कि पुरुष, महिला हो, बच्चे हो, बूढ़े हो या कोई भी.. यहां आए तो मर्यादा में आए. इस तुगलकी फरमान के बारे में जब हमने कॉलेज की छात्र और छात्राओं से बात की तो उन्होंने इस फरमान पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि जिन्होंने ये फ़रमान जारी किया है उनकी सोच और विचारधारा पुराने ज़माने की है और ये फ़रमान गलत है… हम इसका अड़कर विरोध करेंगे. छात्रा आयुषी मलिक की माने तो यह बिल्कुल गलत है, क्योंकि मंदिर जाने के लिए केवल श्रद्धा की जरूरत होनी चाहिए… अब लड़कियां चांद तक जाती हैं और राफेल तक चलाती हैं तो अब वहां भी बोल दो कि साड़ी पहन कर जाओ… यह तो मन की श्रद्धा होती है कि कितनी है या कितनी नहीं है. वहीं छात्र विशु मलिक का कहना है कि उनकी सोच और विचारधारा पुराने जमाने की है, आज के टाइम में जींस-टीशर्ट का ट्रेंड है… युवा ये पहन सकता है…  युवा क्या बुजुर्ग भी पहन सकता है… मंदिर परिसर में जींस टीशर्ट क्यों बैन है… क्या वह कपड़े नहीं हैं… ये गलत मानसिकता के लोगो के काम है और इन्हें अपनी मानसिकता को बदलनी चाहिए.

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