जौनपुर धारा,जौनपुर। इलाहाबाद हाईकोर्ट में पूर्व सांसद धनंजय सिंह को नमामि गंगे प्रोजेक्ट मैनेजर के अपहरण में मिली सजा के खिलाफ दाखिल अपील पर सुनवाई की गई और जस्टिस संजय कुमार सिंह ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद फैसला को सुरक्षित रख दिया है। मालूम हो कि नमामि गंगे परियोजना के तहत एसटीपी के प्रोजक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल के अपहरण के मामले में जौनपुर की विषेश अदालत एमपी/एमएलए ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह को दोषसिद्ध पाते हुए सात साल कैद की सजा सुनाई थी। अपील में सजा को निरस्त करने की मांग की गई है, साथ ही अपील के निस्तारण तक सजा का आदेश स्थगित रखने और जमानत पर रिहा की मांग में अर्जी दाखिल की गई है। बुधवार और गुरुवार को लंच के बाद चली लंबी बहस में सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता सुधीर वालिया, वरिष्ठ अधिवक्ता सगीर अहमद और एडवोकेट कार्तिकेय सरन व शिव प्रताप सिंह ने धनंजय सिंह के पक्ष में अपने तर्क प्रस्तुत किए। राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता पीसी श्रीवास्तव एवं अपर शासकीय अधिवक्ता जेके उपाध्याय ने अभियोजन का पक्ष रखा। इससे पहले इस मामले में ट्रायल कोर्ट का रिकार्ड पेश किया गया। बहस के अंत में उन्होंने कहा कि इस मामले के ट्रायल के दौरान वह जमानत पर थे और उन्होंने जमानत का कोई भी दुरुपयोग नहीं किया। वह आगामी लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं, इसलिए उनकी सजा स्थगित कर उन्हें जमानत पर रिहा किया जाए। जस्टिस संजय कुमार सिंह ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद फैसला को सुरक्षित रख दिया है।
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धनंजय सिंह की अपील पर हुई सुनवाई, फैसला सुरक्षित
