- ट्रामा सेंटर वाराणसी में चल रहा था उपचार
- खुटहन थाने पर चौकीदार के पद पर थे तैनात
खुटहन। तीन दिनों पूर्व सड़क दुर्घटना में घायल चौकीदार फिरतू उर्फ खुदरु गौतम (53वर्ष) की ट्रॉमा सेंटर वाराणसी में इलाज के दौरान शनिवार की भोर में मौत हो गयी।
बताते है कि सिर में गम्भीर चोट लगने के बाद ट्रामा सेंटर में उनके सिर का ऑपरेशन हुआ था। लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। चोट अतिगम्भीर के चलते उन्होंने दम तोड़ दिया। मनहूस खबर सुन परिजनों में कोलाहल मच गया। वह खुटहन थाने में चौकीदार के पद पर तैनात थे। शव घर पहुचते ही परिजन बदहवास होकर शव से लिपटकर रोते बिलखते लगे। पत्नी बरफा देवी का रो रोकर बुरा हाल हो गया है। सूचना पर पहुची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पीएम हेतु जिला मुख्यालय भेज दिया। इमामपुर गांव निवासी फिरतू उर्फ खुदरू गौतम बीते बुधवार की देर शाम किसी घरेलू कार्य को लेकर इमामपुर बाजार से गौसपुर की तरफ पैदल जा रहे थे। इसी दौरान किसी अज्ञात बाईक सवार ने पीछे से जोरदार टक्कर मार दिया। गंभीरावस्था में आसपास के लोग उन्हें बेहतर चिकित्सा हेतु स्थानीय सीएचसी ले गए जहां चिकित्सकों ने सिर में अतिगम्भीर चोट लगने की वजह से वाराणसी ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया था।
पत्नी की उजड़ी मांग, बच्चे हुए अनाथ
खुटहन। चौकीदार की सड़क दुर्घटना में असामायिक मौत ने पूरे परिवार को झगझोर कर रख दिया है। एक तरफ पत्नी बर्फा देवी की मांग का सिंदूर उजड़ गया तो वहीं पांच बेटे व एक बेटी अनाथ हो गये। उनके सिर से पिता का साया छिन गया। पत्नी का रो रोकर बुरा हाल हो गया है। बेटे सूरज, नीरज व बेटी शशिकला का विवाह हो गया है जबकि धीरज, प्रदीप व संदीप के हाथ पीले होने बाकी है।
बेहद गरीब परिवार में जन्मे स्व.फिरतू गौतम करीब पांच वर्षो से बतौर चौकीदार अपनी सेवा खुटहन थाने में दे रहे थे। छोटी सी नौकरी में उन्होंने सुखमय भविष्य के लिए परिजनों संग ढ़ेर सारे अरमान संजोएं थे। परन्तु होनी को शायद यह मंजूर नही था। घर के मुखिया की मौत ने एक ही झटके में सारे अरमानों को चकनाचूर कर दिया है। कालचक्र ने ऐसा कहर बरपाया है कि परिजनों पर मानों दु:खों का पहाड़ टूट गया हो। सांत्वना देने पहुँच रहे नात रिस्तेदारों तथा हित कुटुम्बियों ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की तथा उनके सहयोगी व विनम्र स्वभाव के लिए उन्हें याद किया।