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Homeअपना जौनपुरचिंतन चलता रहे तो चिंता के लिए स्थान कहाँ : पी.विक्टर

चिंतन चलता रहे तो चिंता के लिए स्थान कहाँ : पी.विक्टर

  • धूमधाम से मना काशीरत्न फादर पी विक्टर का 30वाँ पुरोहिताभिषेक

जौनपुर धारा,जौनपुर। सेंटजॉन्स स्कूल सिद्दीकपुर जौनपुर में प्रधानाचार्य फादर पी.विक्टर का पुरोहिताभिषेक धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर विद्यालय में विशेष प्रार्थना का आयोजन किया गया। फादर ने शिक्षक-शिक्षिका, विद्यार्थी एवं अभिभावकों के प्रति आभार प्रकट किया। इस अवसर पर फादर ने कहा कि वे नियमित रूप से संतों की वाणी का श्रवण कर उनका सानिध्य प्राप्त करते हैं। संतों की वाणी सुकून देती है, इसलिए वे चिंता नहीं चिंतन करते हैं। फादर ने शिक्षकों एवं विद्यार्थियों से संतों का संग कर जीवन सुधारने का आग्रह किया। बड़ों के आदेश का पालन एवं उनका सम्मान करने से जीवन को सही दिशा मिलती है अतः गुरुजनों की वाणी का आदर करना चाहिए। इस अवसर पर विद्यालय के अध्यापक सौरभ सिन्हा ने स्मृति-चिह्न देकर फादर को सम्मानित किया और फादर के जीवनवृत्त पर प्रकाश डाला। 24 जनवरी 1967 तमिलनाडू राज्य के कन्याकुमारी में नायर कोयल गाँव में स्व.ए.पीटर एवं माता विन्वेन्ट के आँगन में एक बालक की किलकारियाँ गूँज उठी। वही बालक आगे चलकर फादर पी.विक्टर के नाम से धरा को विभूषित किया। फादर को राष्ट्र एवं धर्म के प्रति लगाव बचपन में ही अपने माता-पिता से प्राप्त हुआ था। पिता सैन्य अधिकारी के रूप में राष्ट्र सेवा में लीन थे वहीं माता धर्मपरायण होकर बच्चों का लालन-पालन कर रहीं थी। माँ के धार्मिक विचारों से प्रभावित होकर फादर ने 13वर्ष की अवस्था में गृहत्याग कर धार्मिक नगरी काशी आ गए। काशी आने के बाद धर्मपथ पर चलते हुए शिक्षा ग्रहण किया। शिक्षा ग्रहण के पश्चात 25 अप्रैल 1995 ई.में उन्हे उनके पैतृक गाँव में ही एक पुरोहित के रूप में अभिषिक्त किया गया। एक पुरोहित के रूप में मिसिनरी की सेवा करते हुए फादर ने विभिन्न स्कूल एवं कॉलेज में प्रधानाचार्य के रूप में सेवा प्रदान की। वर्तमान में वे सेंटजॉन्स स्कूल,सिद्दीकपुर के प्रधानाचार्य की भूमिका निभाते हुए जनपद जौनपुर में शिक्षा का अलख जगा रहे हैं।

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