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Homeअपना जौनपुरचढ़ रहा राजनीति का पारा, मतदाता मगर खामोश

चढ़ रहा राजनीति का पारा, मतदाता मगर खामोश

  • छठे चरण के मतदान के लिए बढ़ी सियासी सरगर्मी
  • सीटों पर पार्टियों ने झोंकी ताकत, दिग्गजों का दौरा जारी

जौनपुर धारा,जौनपुर। लोकसभा 2024 चुनाव के छठे चरण के लिये मतदान की तारीख करीब आते ही जौनपुर और आसपास जिलों में सियासी सरगर्मी बढ़ गई है। अपनों को जीत दिलाने के लिए लड़ी जा रही महाभारत में जनता तक स्वयं को पहुंचाने के लिए कुरुक्षेत्र में अब महायोद्धा दो-दो हाथ करने उतर पड़े हैं। सियासी रणभूमि में अब स्टार वार की शुरुआत हो गई है। भाजपा, सपा व बसपा के बड़े नेताओं के मोर्चा संभालने से चुनावी रण और रोचक हो गया है।

भाजपा व कांग्रेस के सूरमा चुनावी मैदान में मतदाताओं को लुभाने और रिझाने वादों और गारंटी का दावा भी कर रहे हैं। उम्मीदवारों ने संघन प्रचार शुरू कर दिया है। ज्यादातर मतदाता शांत नजर आ रहे हैं। वे अपनी मन की बात बताने के बजाय उम्मीदवारों और प्रचारकों की बातों और वादों को तौल रहे हैं। छठे चरण में जौनपुर व मछलीशहर लोकसभा क्षेत्रों में 25 मई को वोट पड़ना हैं। इन सीटों पर रणबांकुरों का अपने-अपने पाले में सियासी गेंद लाने का प्रयास शुरू हो गया है। जौनपुर लोकसभा क्षेत्र में 25 मई यानी शनिवार को मतदान होना है जिसके लिये भाजपा के दिग्गजों ने जौनपुर की दोनों सीटों पर कब्जा करने की उद्देश्य से पूरी ताकत झोंक दी है। जौनपुर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने आकर चुनावी पारा को चढ़ाने का भरपूर प्रयास किया तो वहीं अभी गठबंधन व बसपा से कोई बड़ा चेहरा जौनपुर की ओर नहीं बढ़ा है। लेकिन जल्द ही गठबंधन व बसपा के बड़े चेहरे भी जौनपुर में सियासी पारा बढ़ाने के लिये आने को तैयार है। पांचवें चरण का चुनाव बीतने के बाद अब छठे चरण की सीटों पर लोगों की नजरे टिकी हुई हैं। जौनपुर लोकसभा क्षेत्र के मतदाता अपना फैसला तो कर लिया है पर खामोशी की ऐसी चादर ओढ़ रखी है, जिसे पहचानना और परखना राजनीतिक दल के नेताओं और प्रचारकों के लिए कठिन ही है। सियासी सूरमा चुनावी मैदान में मतदाताओं को लुभाने और रिझाने वादों और गारंटी का दावा भी कर रहे हैं। उम्मीदवारों ने भी संघन प्रचार शुरू कर दिया है।

  • 2019 के सांसद ही है वर्तमान के प्रत्याशी

जौनपुर लोकसभा सीट के पूराने आकड़ों की बात की जाये तो पिछले 2019 के चुनाव में बसपा के श्याम सिंह यादव ने 521128 वोट पाकर चुनाव जीत लिया था। भाजपा के कृष्ण प्रताप सिंह दूसरे स्थान पर थे। यहां से भाजपा के कृष्ण प्रताप सिंह 440192 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर थे। बता दें कि बसपा ने एक बार फिर से श्याम सिंह यादव पर भरोसा आजमाते हुए उन्हे प्रत्याशी बनाया है। वहीं वर्ष 2014 में उत्तर प्रदेश राज्य में जौनपुर लोकसभा क्षेत्र से कृष्ण प्रताप का निर्वाचन हुआ था। उन्हें 367149 वोट मिले थे। उन्होंने सुभाष पांडेय को 146310 वोटों से हराया था। बता दें कि 2014 में कुल 54.48 प्रतिशत वोट पड़े थे।

  • भविष्यवाण के भरोसे मैदान में जोर आजमा रहें श्याम सिंह यादव

जौनपुर लोकसभा सीट से इस बार बसपा ने निवर्तमान सांसद श्याम सिंह यादव को उम्मीदवार के रूप में फिर से मैदान उतारा है। टिकट मिलने के बाद से उनका भविष्यवाणी वाला बयान काफी चर्चाओं में है, तो वहीं भविष्यवाणी के भरोसे उन्हे भी जीत की पूरी आस है। जबकि जौनपुर की जनता की मानी जाये तो पिछले कार्यकाल से समाप्ति तक अधिकांश लोग उन्हे चेहरे से पहचानते ही नहीं हैं। जिससे उन्हे चुनाव में तरह-तरह के बयानबाजी का सामना करना पड़ रहा है। फिलहाल वह एक भविष्यवाणी के सहारे भी चुनावी मैदान में जोर आजमाइश कर रहें है। बसपा ने पहले इस सीट पर धनंजय सिंह को टिकट देकर मैदान में उतारा था, लेकिन टिकट कट जाने के बाद धनंजय ने भाजपा को समर्थन दे दिया और अब वह भाजपा के मंच पर भी नजर आ रहें है।

  • कभी भ्रष्टाचार के मामले भी रहे इन उम्मीदवारों पर

गठबन्धन व भाजपा के प्रत्याशियों का चेहरा जौनपुर के राजनीति में नया माना जा रहा है। उससे भी ज्यादा चौकाने वाली बात यह है कि दोनों ही पार्टियों में भ्रष्टाचार मुक्त भारत बनाने के संकल्प के साथ ही पूर्व में भ्रष्टाचार व अपराध में लिप्त रहे नेताओं को चुनावी मैदान में उतारा है। गठबन्धन के साप उम्मीदवार बाबू सिंह कुशवाहा के ऊपर हत्या सहित भ्रष्टाचार के कई आरोप लदे हैं जिसमें से कुछ की हेयरिंग भी जारी है। सूत्रो की माने तो जौनपुर के मतदान से पहले ही उन्हे सुप्रीम कोर्ट का चक्कर लगाना पड़ सकता है। वहीं भ्रष्टाचार मुक्त भारत का नारा देने वाली भाजपा ने भी कृपाशंकर सिंह पर दांव आजमाया है। पूर्व में भाजपा के इस उम्मीदवार पर भी भ्रष्टाचार का बड़ा आरोप रहा है। लेकिन इन सभी को दरकिनार कर कृपाशंकर सिंह पूरे दमखम से चुनाव लड़ रहें है, और शिर्ष के नेता भी जमकर प्रचार में लगे है।

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