- शुद्ध प्याऊ के लिये टंकी व समरसेबुल से पर एक बूंद पानी नहीं मयस्सर

जौनपुर धारा, जौनपुर। हर घर नल से जल के लिए करोड़ो रुपये की लागत से किए जा रहे परियोजना की शुरूआत बस कागजों तक ही सिमित है। नगर क्षेत्र के बलुआघाट मोहल्ले में चार वर्ष पहले खर्च किए गए करोड़ो रुपये से बनी पानी की टंकी खुद की किस्मत पर आंसू बहा रहा है, प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो पानी की टंकी से आजतक जलापूर्ति नहीं की जा सकी। भाजपा से दूसरी बार रहे विधायक व राज्यमंत्री गिरीशचन्द्र यादव के क्षेत्र में विकास की गंगा कागजों पर तो खूब बहाई गई, लेकिन अगर इसकी धरातल सच्चाई पर गौर किया जाये तो कई परियोजनाएं या तो बन्द पड़ी हैं या तो अब तक शुरू ही नहीं की गई है। ऐसे में विकास की गंगा बहाने वाले संकल्प को ग्रहण लगता दिखाई पड़ रहा है। पेयजल संकट से निपटने के लिए संसाधनों के नाम पर भले ही हर साल लाखो रुपये खर्च हो रहे हों, लेकिन उसका लाभ क्षेत्र की जनता को मिल रहा है या नहीं, इसकी सुधि लेने वाला कोई नहीं है। नगर के बलुआघाट क्षेत्र में लोगों को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए करोड़ो खर्च कर दिए गए, इसके बावजूद क्षेत्र के लोगों को पेयजल की सुविधाएं नहीं मिल पाई है। सरकारी पैसे का किस तरह से दुरूपयोग किया जाता है। यहां के हालात देखकर समझा जा सकता है। यहां पेयजल के नाम पर करोड़ों रूपए शासन के खर्च कर दिए गए हैं। लेकिन पेयजल सुविधा अब तक उपलब्ध नहीं हो पाई है। यहां एक नहीं दो-दो योजनाओं के तहत लाखों रूपए पानी के लिए पानी में बहा दिए गए हैं। फिर भी लोगों की प्यास ठीक से नहीं बुझ रही है। लोगों को प्रतिदिन पेयजल के लिए परेशान होना पड़ रहा है। जौनपुर में शुद्ध प्याऊ ने लिये भी 3.5 से 4 लाख रूपये तक की लागत से 15वाँ वित्त आयोग अन्तर्गत समरसेबुल व टंकी कई क्षेत्र में बनवाई गई है, लेकिन यह परियोजना एक सीजन भी कायदे से नहीं चल सकी। बताते चले की उपरोक्त सभी परियोजनाओं का शिलान्यास राज्यमंत्री गिरीशचन्द यादव द्वारा ही किया गया है। लेकिन परियोजनाओं की स्थिति जानने की कोशिश उन्होने आज तक नहीं किया। जिससे यह अंदाजा लगाया ही जा सकता है कि कार्यदायी संस्थाओं द्वारा उपरोक्त परियोजनाओं भ्रष्टाचार जरूर किया गया होगा या रख-रखाव के अभाव में इन परियोजनाओं को जंग लग रही है। लेकिन उससे भी बड़ा सवाल यह कि सरकारी निधि से बने इन परियोजनाओं तक सदर विधायक व राज्यमंत्री की नजर क्यों नहीं पड़ रही, आखिर वह कौन सी विकास की गंगा बहा रहें है जिससे समय निकालकर इन परियोजनाओं के तरफ ध्यान नहीं दे पा रहें है। मोहल्ले में सैकड़ों परिवार के लोग निवास करते हैं। इसके अलावा काफी संख्या में निजी घर के लोग निवासरत हैं। देखने के लिए तो करोड़ों रूपए की लागत से बड़ी सी पानी टंकी बनी है। लेकिन विभागीय खामियों में उलझने के कारण पानी टंकी सूखी पड़ी हुई है।
- सुखी पड़ी है 983.66 लाख की लगात से बनी पानी की टंकी

नगर के बलुआघाट में बने पानी की टंकी में कुल लागत 983.66 लाख रूपये लगाये गये हैं। इस टंकी का अमृत कार्यकम के अन्तर्गत जौनपुर नगर पालिका परिषद क्षेत्र में पुर्नगठन पेयजल योजना फेज-2 (जोन 1ए-1बी) निर्माण कार्य हुआ है। यह कार्यदायी संस्था अधिशाषी अभियंता, निर्माण खण्ड उ.प्र.जल निगम जौनपुर द्वारा कराया गया है। इस परियोजना का शिलान्यास राज्यमंत्री गिरीशचन्द्र यादव द्वारा 25 जनवरी 2020 को किया गया था। स्थानीय लोगों की माने तो आज तक उक्त टंकी से किसी का गला तर नहीं हो सका है। वहीं कुछ लोग यह भी बता रहें हैं कि टंकी में रिसाव होने के कारण संचालन अभी तक नहीं किया जा सका है।