जौनपुर धारा, खेतासराय। न्यायाधिकारी ने घरेलू हिंसा और दहेज उत्पीड़न मामले में विवाहिता को राहत पहुंचाते हुए पति और ससुराल वालों को भरण पोषण के लिए सात हजार रुपया प्रति माह देने का आदेश दिया है। इसके अलावा तीन महीने के अंदर पीड़िता को दो लाख रुपए हर्जाना देने का भी आदेश दिया है। जानकारी के मुताबिक लखमापुर निवासी किश्वरी बेगम की शादी 11 साल पहले थाना क्षेत्र के जमदहा निवासी शमीम के बेटे मो. शोएब से हुई थी। नीलम के मुताबिक शादी के बाद से ही ससुराल वाले उससे मोटर साइकिल, प्रâीज, वाशिंग मशीन और कूलर की मांग करते थे और इसके लिए उसका तरह तरह से उत्पीड़न करते थे। शादी के एक साल बाद किश्वरी को अपने शौहर से एक बेटा भी हुआ लेकिन ससुराल वालों का उत्पीड़न नहीं रुका। पति शोएब परदेस में रहता था। किश्वरी के मुताबिक जुलाई 2013 में ससुराल वालों ने उसे मिट्टी का तेल डालकर जलाने की कोशिश की। आखिरकार ससुराल वालों ने किश्वरी का सारा स्त्रीधन छीनकर घर से बेघर कर दिया तब से वो अपने मायके में ही रह रही है। सारा मामला और जिला संरक्षण अधिकारी की आख्या सुनने के बाद ग्राम न्यायाधिकारी दिनेश कुमार दिवाकर ने पीड़िता को ससुराल में पुरानी जगह देने का आदेश दिया और इसमें दिक्कत पैदा करने वाले शख्स को निकाल देने की बात की। अदालत ने कहा कि ऐसा नहीं होने पर विवाहिता को किराए के मकान में रखा जाए और उसका पति किराए के एवज में चार हजार रुपए प्रति माह पीड़िता को दे। इसके अलावा पीड़िता को 7 हजार रुपए प्रतिमाह अदा किया जाए। न्यायाधिकारी ने हर्जाने के तौर पर ससुराल वालों को दो लाख रुपए तीन माह के भीतर पीड़िता को देने का आदेश दिया।
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विवाहिता को भरण पोषण देने का आदेश
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