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Homeमनोरंजनवकालत छोड़कर बने थे एक्टर, फ्री में करनी पड़ी पहली फिल्म

वकालत छोड़कर बने थे एक्टर, फ्री में करनी पड़ी पहली फिल्म

फारुख शेख के पिता एक वकील थे. वह चाहते थे कि उनका बेटा भी वकालत करे. लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था और वह अभिनेता बन गए. आज यानी 25 मार्च को फारुख शेख का जन्मदिन है. फारुख ने अपने करियर में कई दमदार अभिनेताओं और डायरेक्टर्स के साथ काम किया. दीप्ति नवल के साथ उनकी जोड़ी को काफी पसंद किया जाता था. आज उनके जन्मदिन पर हम आपको उनकी जिंदगी से जुड़े कुछ किस्सों के बारे में बताने जा रहे हैं.फारुख शेख का जन्म 25 मार्च 1948 को अमरोली में हुआ था. आज भले ही वह इस दुनिया को अलविदा कह चुके हैं, लेकिन आज भी उनके निभाए किरदार, फिल्में और गानों को लोग भूल नहीं पाए हैं. फारुख ने टीवी और फिल्मों दोनों ही जगह काम किया और दोनों ही जगह खूब वाहवाही लूटी. एक अच्छे एक्टर होने के नाते उनकी छवि एक सीधे और सरल इंसान की भी थी. उनकी सादगी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने अपने करियर की पहली फिल्म के लिए फीस ही नहीं ली थी, बल्कि पूरे 20 साल बाद पहली फिल्म की फीस मिली थी.फारुख शेख ने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत साल 1973 में अभिनेता बलराज साहनी की फिल्म ‘गरम हवा’ से की थी. शुरुआत में उनकी फैमली एक्टिंग में कदम रखने के खिलाफ थी, क्योंकि उनके पिता और सभी लोग चाहते थे कि वह वकील बने लेकिन कॉलेज के दिनों से ही उनका रुझान एक्टिंग की ओर था. जब नौकरी करने लगे तो इस फिल्म में काम करने का मौका भी मिल गया. पहले तो उनके घरवाले राजी नहीं थी, लेकिन जब उन्होंने इस फिल्म की कहानी के बारे में बताया तो वह भी मान गए और उन्होंने इस फिल्म में काम किया. लेकिन उन्हें असली पहचान फिल्म ‘बाजार’ से मिली थी, जिसमें उन्होंने एक्ट्रेस स्मिता पाटिल और एक्टर नसीरुद्दीन शाह के साथ काम किया था. फारुख शेख की किस्मत इसी फिल्म के बाद चमक उठी थी.फारुख शेख ने अपने करियर में कई एक्ट्रेसेज संग काम किया. लेकिन फैंस को उनकी केमिस्ट्री सबसे ज्यादा दीप्ति नवल के साथ पसंद आई थी. इन दोनों की जोड़ी को लोगों ने काफी पसंद किया था. दोनों ने साथ में कई फिल्मों में काम किया. फिल्म हिट भी हुईं. इन फिल्मों में जिमसें ‘साथ साथ’, ‘चश्मे बद्दूर’, ‘फासले’, ‘एक बार चले जाओ’ जैसी फिल्में शामिल हैं.राज्य सभा टीवी के टॉक शो ‘शख्सियत’ में फारुख ने बताया था कि उन्होंने महज 750 रुपये के लालच के लिए ये फिल्म साइन कर ली थी. ये उनके करियर की पहली फिल्म ‘गर्म हवा’ थी. डायरेक्टर एमएस सत्यु ने फारुख शेख को 750 रुपये का मेहनताना दिया था. उस दौर में ये बहुत बड़ी फीस थी. अपनी बात रखते हुए फारुख ने कहा था कि मैंने ये फिल्म पैसों के लालच में करने के लिए हामी तो देदी थी. लेकिन सत्यु ने ये पैसे मुझे पूरे 20 साल बाद दिए थे.

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