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Homeअपना जौनपुररोजगार परक है संस्कृत भाषा : प्रो.मार्कण्डेय नाथ तिवारी

रोजगार परक है संस्कृत भाषा : प्रो.मार्कण्डेय नाथ तिवारी

  • ज्ञान के उच्च शिखर तक ले जाने में सहायक है भारतीय ज्ञान परंपरा : प्रो.रणजीत कुमार पाण्डेय

जौनपुर धारा,जौनपुर। गांधी स्मारक पीजी कॉलेज, समोधपुर, के संस्कृत विभाग एवं आईक्यूएसी के संयुक्त तत्वावधान में ‘भारतीय ज्ञान परम्परा’ विषयक दो दिवसीय व्याख्यान माला का शुभारंभ हुआ।

कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि प्रो.मार्कण्डेय नाथ तिवारी, विभागाध्यक्ष संस्कृत, लाल बहादुर शास्त्री केंद्रीय विश्वविद्यालय, नई दिल्ली ने सरस्वती प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित करके कार्यक्रम की शुरुवात किए। मुख्य अतिथि ने संस्कृत भाषा को रोजगार परक बताते हुए इसके महत्व और भारतीय ज्ञान परंपरा के विकास पर विस्तार से प्रकाश डाला। अध्यक्षीय उद्बोधन मे प्राचार्य प्रो.रणजीत कुमार पाण्डेय ने भारतीय ज्ञान परम्परा में संस्कृत के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए आधुनिक युग में इसे ज्ञान के उच्च शिखर में सहायक बताया। प्रोफेसर अरविंद कुमार सिंह ने प्राचीन काल से आज तक भारतीय ज्ञान परंपरा के उद्भव एवं विकास के बारे में बताया। प्रो.राकेश कुमार यादव ने भारतीय ज्ञान परंपरा की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि का उल्लेख करते हुए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत भारतीय ज्ञान परंपरा के विकास में भारत सरकार द्वारा किए गए प्रयासों एवं बजट आवंटन के बारे में बताया। इस अवसर पर प्रोफेसर लक्ष्मण सिंह, डॉ.अवधेश कुमार मिश्रा, डॉ.नीलमणि सिंह, डॉ.अविनाश वर्मा, डॉ.पंकज सिंह, डॉ.आलोक प्रताप सिंह बिसेन, डॉ.लालमणि प्रजापति, डॉ.वंदना सिंह, डॉ.जितेन्द्र सिंह, डॉ.विष्णुकांत त्रिपाठी, डॉ.नीलम सिंह, डॉ.जितेन्द्र कुमार, डॉ.सत्यप्रकाश सिंह, डॉ.नीलू सिंह, कार्यालय अधीक्षक बिन्द प्रताप सिंह, अखिलेश सिंह आदि शिक्षक, कर्मचारी एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहें।

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