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बेहद खास है श्री रामकृष्ण वेद विद्यालय, बच्चों को गीता से लेकर आधुनिक विषय का मिलता है ज्ञान

सनातन परंपरा सनातन काल से निरंतर चली आ रही है. यह बहुत व्यापक परंपरा है. इसमें निहित अथाह ज्ञान को वेदों और शास्त्रों के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है. इसी को लेकर आज मुरादाबाद में एक विद्यालय (गुरुकुल) संचालित किया जा रहा है. जिसमें बच्चों को वेदों का ज्ञान दिया जा रहा है. जिससे सनातन धर्म को बढ़ावा मिले और बच्चे पूजा-पाठ को ना भूलें अपने साथ-साथ दूसरों को भी जागरूक करें.

मुरादाबाद के गुलाबबाड़ी में विश्व हिंदू परिषद के कार्यालय में विश्व हिंदू परिषद द्वारा श्री रामकृष्ण वेद विद्यालय नाम से विद्यालय संचालित किया जा रहा है. यह विद्यालय करीब डेढ़ साल से चल रहा है. विद्यालय में कुल 17 बच्चे वर्तमान में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. इसके साथ ही मध्य प्रदेश के सतना के रहने वाले आदर्श पांडेय बच्चों को शिक्षा ग्रहण करा रहे हैं. यह विद्यालय समाज सेवा से चल रहा है. विश्व हिंदू परिषद द्वारा इसको सपोर्ट किया जाता है. इसके साथ ही यहां पर वेदों का ज्ञान शिक्षक आदर्श पांडेय द्वारा मुफ्त में दिया जा रहा है. शिक्षक आदर्श पांडेय ने न्यूज 18 लोकल को बताया कि यह विद्यालय पिछले डेढ़ साल से चल रहा है. यहां पर शुक्ल यजुर्वेद पढ़ाया जाता है. हमारी दिनचर्या सुबह 4 बजे से प्रारंभ होकर रात्रि 9 बजे तक चलती है. सुबह 4 बजे स्नान करते हैं. उसके बाद जो हम पढ़े हुए होते हैं उसका परायण करते हैं. फिर प्रार्थना कर सुबह 9 बजे से पहली कक्षा शुरू कर देते हैं. उसके बाद आगे चलकर वेद की क्लास चलती रहती है. उसके बाद 2 से 4 बजे तक आधुनिक विषय में इंग्लिश मैथ कंप्यूटर आदि की भी शिक्षा इन्हें ग्रहण कराई जाती है. शुरुआत में आने वाले बच्चे को स्त्रोत गीता से शुरू करते हैं. उसके बाद उसे संस्कृत के गीत संस्कृत भाषा का प्रवेश सिखाया जाता है. और कुछ समय तक स्त्रोत गीता का ही अध्ययन चलता रहता है. उसके कुछ दिन बाद वेद प्रारंभ किए जाते हैं. वेद प्रारंभ होने के साल भर बाद व्याकरण का भी अध्ययन कराया जाता है. यहां पर बच्चों के लिए रहना खाना सब कुछ निशुल्क है. और यह सब कार्य समाज के द्वारा ही संचालित किया जा रहा है. वर्तमान में 9 बच्चों का शुक्ल यजुर्वेद चल रहा है. उन्होंने कहा कि जो भी वेद सीखना चाहता है. वह यहां आए और अपनी परंपरा के बारे में जागरूक हो इसके साथ ही उसको सीखें और बच्चों को भी सिखाए और बताएं कि आज कल का जो समाज है उसमें हमारी सनातन धर्म की परंपरा है.हमें इस परंपरा को फिर से जीवित करना है. हमें आगे बढ़ना है सनातन संस्कृति को लेकर चलना है. वेदों का ज्ञान अर्जित कर रहे हर्षित तिवारी और श्याम पांडेय ने बताया कि हम डेढ़ साल से यहां पढ़ रहे हैं. हमारी गीता पूरी हो चुकी है. स्त्रोत पढ़ चुके हैं. रुद्राक्ष अध्याय भी पूरा हो चुका है. शुक्ल यजुर्वेद चल रहा है. और आगे चलकर वह पूजा-पाठ में ही कामयाबी हासिल कर विद्वान पंडित बनना चाहते हैं. 5 साल में वेद सीखने की उपलब्धि मात्र डेढ़ साल में कंप्लीट करने वाले योगेश गौड़ ने न्यूज 18 लोकल को बताया कि वह पिछले डेढ़ वर्षो से यहां पढ़ रहे हैं.यहां पर डेढ़ वर्ष में शुक्ल यजुर्वेद माध्यमिक शाखा को कंप्लीट कर लिया है. इस वेद को कंप्लीट करने में 5 वर्ष लगते हैं. लेकिन मैंने इसे कड़ी मेहनत और लगन से 10 घंटे पढ़ाई कर डेढ़ साल में ही कंप्लीट कर लिया है. इसमें मेरे गुरु जी का भी पूरा सहयोग रहा है.

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