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Homeव्यापारफेडरल रिजर्व के इस झटके से मंडराया बैंकों पर खतरा

फेडरल रिजर्व के इस झटके से मंडराया बैंकों पर खतरा

अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने बुधवार देर रात ब्याज दर में फिर से बढ़ोतरी कर दी। अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने फेड रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी कर संकट से जूझ रहे बैंकों को झटका दिया। फेड के इस ऐलान के बाद ब्याज दर बढ़कर अब 4.75ः से 5ः हो गया है। ये फैसला उस वक्त आया जब अमेरिका भारी बैंकिंग संकट से जूझ रहा है। हाल ही में अमेरिका के दो बड़े बैंक सिलिकॉन वैली बैंक और सिग्नेचर बैंक दिवालिया हो गए। अमेरिका के 186 बैंकों पर संकट मंडरा रहा है। बैंकिंग संकट के बावजूद अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने राहत देने के बजाए ब्याज दर में बढ़ोतरी का ऐलान किया। फेडरल ने कहा कि इस साल में एक और बार ब्याज दर बढ़ाई जा सकती है। जहां अमेरिकी बैंकिंग सेक्टर को उम्मीद थी कि फेडरल रिजर्व इस बाद उन्हें ब्याज दरों में कटौती कर राहत दे सकता है, उनकी उम्मीद पर पानी फिर गया। फेडरल रिजर्व ने कहा कि उनका दायित्व महंगाई पर नियंत्रण पाना है। ब्याज दर में बढ़ोतरी कर रहे हैं ताकि महंगाई पर काबू पा सके। मार्च 2022 से फेडरल लगातार ब्याज में बढ़ोतर कर रहा है। इसका असर बैंकों पर पड़ रहा है। फेडरल रिजर्व ने कहा कि महंगाई रोकना उनका मुख्य फोकस है। उन्होंने कहा कि इस साल एक बार फिर से ब्याज में बढ़ोतरी हो सकती है। अमेरिकी फेडरल की ओर से ब्याज दर में बढ़ोतरी से बॉन्ड यील्ड बढ़ना शुरू हो जाता है। जिससे बैंकों को बॉन्ड निवेश को नुकसान होता है। दुनिया की सबसे बड़ी और मजबूत इकॉनमी कहलाने वाली अमेरिका की बैंकें डूब रही हैं। दो बैंक डूब चुके हैं। एक दिवालिया होने के कगार पर पहुंच गए हैं। सोशल साइंस रिसर्च नेटवर्क स्टडी ने मॉनिटरी टाइटनिंग एंड यूएस बैंक फ्रेजिलिटी इन 2023 की अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अमेरिका के 186 और बैंकों पर डूबने का खतरा मंडरा रहा है। ग्राहकों के रहमो-करम पर चल रहे इन इन बैंकों पर फेडरल के ब्याज बढ़ोतरी का असर पड़ेगा। अगर बैंक के ग्राहकों ने खाते से अपने पैसे निकालने शुरू कर दिए तो इन बैंकों पर ताला लटकना तय है। फेडरल की ओर से लगातार ब्याज दरों में हो रही बढ़ोतरी और अनशिक्योर्ड जमाओं के बढ़ने से खतरा बढ़ रहा है। अमेरिका के 186 बैंकों पर खतरा मंडरा रहा है। जिस तरह से ब्याज दरों में बेतहाशा बढ़ोतरी से अमेरिकी के बड़े बैंक सिलिकॉन वैली और सिग्नेचर बर्बाद हो गए, इन बैंकों पर भी वो खतरा मंडरा रहा है। आपको बता दें कि कोरोना काल के दौरान यूएस फेडरल ने ब्याज दरों को घटाकर शून्य कर दिया था, लेकिन जब स्थिति सुधरी ब्याज में लगातार बढोतरी होने लगी। मार्च 2022 के बाद से अमेरिकी फेडरल ने ब्याज दरों में 4.5 फीसदी की बढ़ोकरी कर दी। जिसकी वजह से यील्ड बढ़ता चला गया। बैंकों की पुरानी सिक्योरिटीज का मार्केट वैल्यू घटता चला गया जिसके कारण बैंकों को भारी नुकसान हुआ है।

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