उत्तर प्रदेश के रायबरेली जनपद के रीवा गांव के किसान परंपरागत खेती छोड़ फूलों की खेती की तरफ बढ़ रहे हैं. इन दिनों यहां के किसान गुलाब और गेंदा के फूल की खेती कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि परंपरागत खेती से ज्यादा लाभ फूलों की खेती से है और इसके लिए सरकार की तरफ से कई योजनाओं के माध्यम से किसानों को अनुदान भी दिया जा रहा है. यही कारण है कि किसान अब परंपरागत खेती छोड़ जैविक ऑर्गेनिक खेती व उद्यानिक खेती की तरफ बढ़ रहे हैं और अधिक से अधिक लाभ भी कमा रहे हैं.
रायबरेली जनपद के विकास क्षेत्र शिवगढ़ स्थित रीवा गांव निवासी राजकुमार गुप्ता परंपरागत खेती को छोड़ लगभग 2 एकड़ में गुलाब के फूल की खेती कर रहे हैं और इससे वहां अच्छा मुनाफा भी कमा रहे हैं. राजकुमार बताते हैं कि अन्य फसलों की अपेक्षा गुलाब और गेंदे की खेती में सिंचाई भी कम करनी पड़ती है. साथ ही कई लोगों को रोजगार भी मिल जाता है. जिससे उनके भी परिवार का जीवन यापन हो जाता है और अपने भी परिवार का भरण-पोषण हो जाता है और अच्छा लाभ भी मिल जाता है. उन्होंने बताया कि 1 एकड़ में लगभग 15 हजार से 20 हजार रुपये की लागत आती है. वहीं 10 से 12 लोगों को रोजगार भी उपलब्ध हो रहा है. यहां से फूल रायबरेली लखनऊ की मंडी में ले जाया जाता है जहां पर अच्छे दाम भी मिलते हैं.
जिला उद्यान अधिकारी ने बताया कि जनपद में लगभग आधा दर्जन से अधिक किसान उद्यानिक खेती कर रहे हैं. सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार की योजनाओं के माध्यम से उद्यानिकी खेती को बढ़ावा देने के लिए समय-समय पर उन्हें जागरूक भी किया जा रहा है और जो भी लोग इच्छुक हैं वह उद्यान विभाग से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. इसके लिए भी विभाग में व्यवस्था कर रखी है.