फरवरी 2023 में खुदरा महंगाई दर में मामूली गिरावट आई है लेकिन ये अभी भी आरबीआई के टोलरेंस बैंड यानि बर्दाश्त सीमा के ऊपर बना हुआ है. फरवरी 2023 में खुदरा महंगाई दर 6.44 फीसदी रही है. जबकि जनवरी 2023 में खुदरा महंगाई दर 6.52 फीसदी रही थी. फरवरी 2022 में 6.07 फीसदी खुदरा महंगाई दर रही थी. खुदरा महंगाई दर में इजाफे के गिरावट के कारणों पर गौर करें तो फरवरी महीने में खाद्य महंगाई दर घटकर 5.95 फीसदी रही है. जबकि जनवरी में खाद्य महंगाई दर 6 फीसदी रही थी. फरवरी 2022 में खाद्य महंगाई दर 5.85 फीसदी रही थी. फरवरी महीने में अनाज और उससे जुड़े प्रोडक्ट्स की महंगाई दर 16.73 फीसदी रही है. दूध और उसे जुड़े प्रोडक्ट्स की महंगाई 9.65 फीसदी, मसालों का महंगाई दर 20 फीसदी से ज्यादा 20.20 फीसदी रही है. फलों की महंगाई दर 6.38 फीसदी, अंडों की महंगाई दर 4.32 फीसदी रही है. दालों की महंगाई दर 4.09 फीसदी रही है. पैक्ड मिल्स, स्नैक्स और मिठाईयों की महंगाई दर 7.98 फीसदी रही है. सब्जियां इस दौरान सस्ती हुई है. सब्जियों की महंगाई दर घटकर -11.61 फीसदी रही है. खुदरा महंगाई दर अभी आरबीआई के टोलरेंड की अपर लिमिट 6 फीसदी के ऊपर बना हुआ है. जनवरी और फरवरी दोनों ही महीने में खुदरा महंगाई दर 6 फीसदी के ज्यादा रहा है. जबकि नवंबर और दिसंबर 2022 में खुदरा महंगाई दर के टोलरेंस बैंड 6 फीसदी के नीचे आ गया था. आरबीआई ने 8 फरवरी 2023 को रेपो रेट में एक चौथाई फीसदी की बढ़ोतरी कर उसे 6.50 फीसदी कर दिया था. अब जब फिर से खुदरा महंगाई दर आरबीआई के टोलरेंस बैंड के बाहर जा पहुंचा है तो फिर से कर्ज और महंगे होने का खतरा बढ़ता जा रहा है. 3 से 6 अप्रैल 2023 तक आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी की बैठक होगी जिसमें माना जा रहा है कि आरबीआई रेपो रेट में इजाफा कर सकता है. ऐसा हुआ तो ईएमआई और भी महंगी हो सकती है.
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फरवरी में मामूली राहत के साथ 6.44% रही खुदरा महंगाई दर
