- श्री कृष्ण जन्म की कथा सुन भाव विभेर हुए श्रद्धालु
जौनपुर धारा, जौनपुर। सरायखजा थाना क्षेत्र के धौरईल गांव में सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन समुंद्रमंथन, मत्स्वावतार, श्री राम जन्म, श्री कृष्ण जन्म पर झांकी निकाली गई। उन्नाव से पधारे कथा वाचक आचार्य कौशल किशोर पांडेय महराज ने कहा कि अहंकार बुद्धि और ज्ञान का हरण करता है। अहंकार ही मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है। मानव को कभी अहंकार नहीं करना चाहिए। जब अत्याचारी कंश के पापों सें धरती डोलने लगी तो भगवान कृष्ण को अवतरित होना पड़ा। आचार्य ने कहा कि सात संतान के बाद जब देवकी गर्भवती हुई तो उसे अपने आठवीं संतान की मृत्यु का भय सताने लगा था। भगवान की लीला वे स्वयं समझ गये। उनके जन्म लेते ही जेल के सभी बंधन टूट गए। वसुदेव देवकी के हाथ – पैर की सारी बेडियां अपने आप खुल गई। पहरेदार सब गहरी नींद में सो गए। भगवान कृष्ण गोकुल पहुंच गए। महराज ने कहा कि कितनी भी समस्या आवे लेकिन सत्य पर रहे और उन्होंने कहा की जो धर्म में विश्वास करता है उसका कार्य कभी न रूका हैं और न कभी रूकेगा। कथा के दौरान जैसे ही राम और भगवान कृष्ण का जन्म हुआ, पूरा पंडाल जयकारों सें गूंज उठा। जन्म उत्सव पर कन्हैया का भजन-सोहर होने लगा तो श्रद्धालु श्रोता भक्ति भाव में लीन हो कर झूमने लगे। कथा महोत्सव में बड़ी संख्या में महिलाओं ने भजन प्रस्तुत कर भगवान कृष्ण जन्म की खुशियां मनाई। आचार्य के सहयोगीगण आशीष अग्निहोत्री, अरुण मिश्रा एवं प्रेमचन्द्र पाण्डेय, मंगला पांडेय, विरेंद्र पांडेय, राजेश दिवाकर पांडेय आदि लोग उपस्थित रहे।