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Homeअपना जौनपुरनगर में चरमराई सफाई व्यवस्था, जगह-जगह लगा कुड़ों का अम्बार

नगर में चरमराई सफाई व्यवस्था, जगह-जगह लगा कुड़ों का अम्बार

  • बदहाल सड़के, चोक नालियां, गंदा पेयजल बनती जा रही पहचान

जौनपुर धारा,जौनपुर। शहर में पानी, सड़क और सफाई का बेहतर इंतजाम नहीं है। कई क्षेत्रों में ट्यूबवेल खराग होने के कारण कई-कई पानी की किल्लत बनी रहती है। नगर की बदहाल सड़के, चोक नालियां, गंदा पेयजल पहचान बनती जा रही है। शहर से गुजरने वाली सड़कें किसी दलदल से कम नहीं लगती। गड्डों में भरा पानी राहगीरों के लिए परेशानी का सबब बन जाता है, बरसात में सड़क पर चलना मुश्किल हो जाता है। आवागमन करने वाले राहगीरों के गड्ढों में गिरकर घायल होने की घटनाएं बढ़ रही हैं। क्षेत्र के अधिकांश इलाकों में महीनों से स्ट्रीट लाइटें खराब पड़ी हैं। रात के घने अंधेरे में असामाजिक तत्वों का खतरा बढ़ गया है। जहां-तहां कूड़े-कचरे का अंबार और सड़कों पर बेतरतीब ढंग से पसरी हुई गंदगी। यह अरवल नगर पालिका परिषद क्षेत्र की पहचान बन गई है। बरसात के मौसम में यही स्थिति बनी रहती तो लोगों को खासा परेशानी उठानी पड़ती है। लाखों की आबादी वाला शहर साफ-सफाई के मामले में बहुत पीछे है। जाहिर है कि नगर परिषद स्वच्छता के मामले में नगरवासियों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पा रही। सबसे बुरा हाल तो शहर की घनी आबादी वाले भीतरी मुहल्लों का है, जहां के लोग कचरे के ढेर, सड़ांध और बदबू के बीच अपना जीवन बसर करने को बाध्य हैं। ऐसे में नालिका व्यवस्था स्वच्छ भारत अभियान को धरातल पर उतारने की जिम्मेदारी से विफर रहा है। नगर पालिका का दावा है कि कचरा को जमा किया जाएगा। उसके बाद उससे बिजली उत्पादन होगा। लेकिन यह सब सिर्फ घोषणा मात्र रह गया। उसे धरातल पर उतारा नहीं जा सका। हाल फिलहाल में यह धरातल पर उतरेगी, इसकी संभावना भी नहीं दिख रही है। क्योंकि इस सवाल पर नगर परिषद अभी मंद गति से चल रही है। नतीजा नगर परिषद क्षेत्र के लोगों को और कुछ दिन गंदगी और सड़ांध के बीच जीवन बसर करना होगा। नगर क्षेत्र की स्थिति है कि यहां किसी भी मोहल्ले में पर्याप्त मात्रा में कूड़ादान उपलब्ध नहीं है। इसका नतीजा है, कि जहां-तहां कूड़े-कचरे फेंक दिये जा रहे हैं। कचरे का नियमित रूप से उठाव नहीं होने के कारण कई मोहल्लों में सफाई की स्थिति बदतर है। पिछले कई सालों से नगर परिषद ठेके के आधार पर स्वयंसेवी संस्था से सफाई कार्य करवा रही थी। फिलहाल अभी खुद साफ-सफाई करवा रही है। इसपर लगभग लाख खर्च करने के बाद भी सफाई व्यवस्था कारगर नहीं हुई है, नतीजा लोगों को परेशानी उठाना पड़ रही है।

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