- अधिकांश गाड़ियों की सीटें फटी व फर्स्ट एड बॉक्स गायब
- शिकायतों के बाद नहीं सुधर रही डिपो की व्यवस्था
जौनपुर धारा, जौनपुर। जौनपुर डिपो के खटारा बसों की कहानी थमने का नाम नहीं ले रही है, एक के बाद एक नया मामला उजागर होता चला आ रहा है। लेकिन मानो जैसे विभागीय कार्य प्रणाली पर खासा असर नहीं पड़ता। तमाम शिकायतों के बाद भी न तो जौनपुर वर्कशॉप के अधिकारी सुधरने का नाम लें रहें हैं और न ही बसों के रख-रखाव में सुधार हो पा रहा है। वर्कशॉप की मशीन खराब होने के कारण गाड़ियों की धूलाई तक नहीं हो पा रहीं है। तमाम हिदायतों के बाद आज भी कई गाड़ियों की सीटें टूटी -फटी व एकाक गाड़ी में तो सीटें ही आधा अधूरी दिखना आम बात हो गई हैं। शुक्रवार की तड़के सुबह जौनपुर धारा टीम ने रोडवेज परिसर से संचालित हो रही बसों की धरातल सच्चाई जानने का प्रयास किया तो एक के बाद एक बसों के खामियों की परत खुलने लगी। जिसमें किसी बस की सीट उखड़ी हुई थी तो किसी की तमाम सीटें फटी हुई थी तथा किसी भी बस में फर्स्ट एड बॉक्स का पता ही नहीं था और एक भी बस धूली नहीं थी। जबकि वर्कशॉप के आकड़ों में सभी गाड़िया दुरूस्त बताई जा रही है। यह भी पाया गया कि किसी भी गाड़ी के संचालन का सही टाइम टेबल निर्धारित नहीं है। इसके पीछे की एक बड़ी वजह यह है कि वर्कशॉप के जिम्मेदार अधिकारी निर्धारित समय से अपने पटल पर उपस्थित नहीं रहतें है। नाम न प्रकाशित के शर्त पर परिचालक ने बताया कि अधिकतर बसें तो डग्गामार स्थिति में संचालित हो रहीं हैं। कब वह रास्ते में दगा देदें इसपर कुछ नहीं कहा जा सकता। ऐसे में परिचालक-चालकों के लिये दिया गया लक्ष्य पूर्ण नहीं हो पाता। जिसका खामियाजा उन्हे तनख्वाह से कटवाकर भुगतना पड़ता है। जिसका सीधा असर उनके परिवार के जीवन यापन पर पड़ता है। उनकी पीड़ा यह भी है कि अधिकतर बसों के खटारा होने के कारण बसों की संख्या कम व कर्मचारियों की अधिक हों गई जिसकी वजह से निर्धारित किलोमीटर के लक्ष्य को वे पूरा नहीं कर पातें है। अब सवाल यह उठता है कि वर्कशॉप के अधिकारियों में उच्चाधिकारियों को खौफ नहीं रह गया है या सरकारी अमला रोडवेज व्यवस्था सुधारने में कमजोर साबित हो रहा है।

तड़के सुबह संचालन के लिये निकली जौनपुर डिपो की यू.पी.65 ए.टी.4990 की सीट टूटी हुई थी और बस की धुलाई व सफाई भी नहीं की गई थी तथा फर्स्ट एड बॉक्स भी नहीं रखा था। लगभग 25 प्रतिशत सीटें फटी थी।

जौनपुर डिपो यू.पी.65 ई.टी.9199 की सीट टूटी हुई थी और बस की धुलाई व सफाई भी नहीं की गई थी तथा फर्स्ट एड बॉक्स भी नहीं रखा था। लगभग 35 प्रतिशत सीटें फटी थी व पीछे की अन्तिम सीट पर पीट्ठा ही गायब था।

जौनपुर डिपो की यू.पी.62 ए.टी.4991 सीट टूटी हुई थी और बस की धुलाई व सफाई भी नहीं की गई थी तथा फर्स्ट एड बॉक्स भी नहीं रखा था। जिनमें कई नुकीलेदार पेंच व सीट के किनारे लोहे की रॉड साफ दिख रही थी।