- विवादित कनेक्शन ट्रांसफर के समय नहीं ली गई थी अनापत्ति आख्या
- एक्सीएन के लिखित आदेश के बाद भी नहीं मिल रहा संयोजन
जौनपुर धारा, जौनपुर। मंगलवार को सिपाह निवासी जफर अली ने अधीक्षण अभियंता को प्रार्थना पत्र देकर क्षेत्रिय अवर अभियंता, उपखण्ड अधिकारी अहियापुर पर मूल-भूत व्यवस्थाओं के हनन का आरोप लगाया है। जफर ने बताया कि वे अपने पिता मूसा अली के मकान नं.298 में रहता थे और वर्तमान में भी काबिज हूँ। पीड़ित पिछले लगभग 9 महिने से पूरे परिवार सहित भीषण गर्मी व अंधेरे में रहने को मजबूर है। जहाँ एक तरफ प्रदेश की योगी सरकार कोई भी सुविधाओं से वंचित न रहे व बिजली चोरी जैसी घटनाओं को रोकने के लिये हर घर कनेक्शन देने का फरमान जारी कर रही है। वहीं विभाग के निचले कर्मचारी शासन, उच्चाधिकारियों व न्यायालय तक के आदेश मानने को तैयार नहीं हो रहें है।
उन्होने बताया कि परिसर विवादित है और पहले से पिता के विद्युत कनेक्शन सं.5602052000 था। जिसका उपयोग उपभोग कर विद्युत बिल की अदायगी भी समय-समय पर करता था। वर्ष 2009 में जब प्रार्थी के पिता अत्यन्त वृद्ध हो गये और उनकी मानसिक दशा ठीक नही रहती थी तो उसका फायदा उठाकर षडयन्त्र रचते हुए बड़ी बहन नरजिस खातून निवासी अवैध एवं अनाधिकृत तरीके से बैनामा करा लिया। जानकारी होने मामला बैनामा मंसूखी हेतु कोर्ट में दाखिल हुआ। मामला आज भी विचाराधीन है, बावजूद इसके इसी दौरान लगभग 9 माह पूर्व नरजिस से अचानक से घर उनके घर की बिजली आपूर्ति बन्द कर दी। छानबीन मालूम हुआ कि संयोजन विपक्षी के नाम बिना अनापत्ति आख्या व स्थलीय निरीक्षण के ट्रांसफर हो गया है। जिसके बाद जफर ने पूनः कनेक्शन सही कराने बिजली विभाग का चक्कर काटकर थक गया, लेकिन सफलता हाथ नही लगी। जिससे आजिज आकर उन्होने नये विद्युत संयोजन के लिये आवेदन किया था। जो विवादित बताकर निरस्त कर दिया गया। जिसके जफर ने उच्च न्यायालय कोर्ट में रीट दाखिल कर अपने मौलिक अधिकार व दाखिल कब्जा के आधार पर विद्युत कनेक्शन की मांग की। मामला अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खण्ड तृतीय के समकक्ष पहुँचा। अधिशासी अभियंता ने विधि सलाहकार से सलाह लेकर कोर्ट में चल रहे लम्बित मामले को ध्यान में रखते हुए मकान के निचले हिस्से जफर अली के नाम विद्युत कनेक्शन देने का मसौदा बनाया और चिट्ठी जारी कर दी। आरोप है कि बावजूद इसके क्षेत्र के अवर अभियंता व उपखण्ड अधिकारी विद्युत वितरण खण्ड द्वारा अनापत्ति आख्या (एनओसी) व सम्पत्ति विवादित होने का कारण बताकर आवेदन निरस्त कर दिया। उन्होने यह भी बताया कि लिखित आदेश कर एक्सीएन ने मौखिक रूप से अधिकारियों को संयोजन देने से मना कर दिया। जबकि कनेक्शन ट्रांसफर के समय भी परिसर विवादित ही था। उन्होने बताया कि विभागीय अधिकारियों और नरजिस द्वारा उनके साथ छल किया गया और प्रार्थी के मौलिक व मूल भूत व्यवस्थाओं से वंचित कर हनन किया जा रहा है।