जौनपुर धारा, जौनपुर। शहर मे चल रही भागवत कथा के छठवें दिन सत्संग में डा. संजय कृष्ण सलिल महराज ने बताया कि काम पर विजय पा लेना ही रास लीला है। यह कोई साधारण जीव के द्वारा रचित किया गया कार्य नहीं है।
उन्होने आगे बताया कि यह मेरे गोविंद ही है जो इतनी गोपियों के साथ रहकर भी पूर्ण ब्रह्म है। कुल 16108 गोपियों के साथ रहकर भी रासलीला करते हैं जिसका श्रवण ब्रह्माजी, शंकर जी एवं राजा परीक्षित भी कर रहे है जिनको एक दिन के बाद मरना है वह भी प्रभु की रासलीला का आनन्द ले रहे हैं। प्रभु मथुरा पहुंच कर कंस का बध करते हैं। अपने नाना जी को मुक्त कराकर जो कंस की बंदीगृह मे कैद थे उन्हे राज सिंहासन पर बैठाया। प्रभु के विवाह का प्रसंग भी सुनाया गया जिसमें रूकमणी का विवाह ठाकुर जी के साथ सम्पन्न हुआ और रुक्मणी के इस प्रसंग की झांकी भी दिखाई गई। इस मौके पर शहर और देहात से आये हजारो भक्तों ने आनंद उठाया। उपस्थित गणमान्यों के हाथों दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम शुरू किया गया। कार्यक्रम मे मुख्य यजमान नन्हे लाल वर्मा, सनी वर्मा, लालती देवी, संदीप वर्मा, नवदीप वर्मा, प्रियम वर्मा, राकेश सिंह, सतीश श्रीवास्तव, अमित कुमार तिवारी व अन्य गणमान्य व्यास पीठ पर उपस्थित हुए। 23 नवम्वर को विश्राम दिन होगा जिसमें सुदामा चरित्र की सुंदर झांकी व कथा प्रसंग श्रवण भक्तों को मिलेगा। इसी के उपलक्ष्य में 25 नवम्बर की शाम 5 बजे एक विशाल भंडारे का भी आयोजन किया गया है।