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उलेमाओं की अपील : समाजवादी पार्टी नहीं, बरेली में बसपा प्रत्याशी को वोट करें मुसलमान

बरेली. यूपी के बरेली में उलेमा ने मुसलमानों से एक अपील जारी की है, जिसमें उन्होंने कहा है कि मुसलमान वोट बसपा प्रत्याशी को करें, ना कि समाजवादी पार्टी समर्थक डॉटर आईएस तोमर को. बयान में कहा गया कि बीजेपी को दिल में बसाने वाले डॉ तोमर को मुसलमान वोट न करें. बरेली नगर निगम में अब तक कोई भी मुस्लिम मेयर नहीं हुआ है, इसलिए मुस्लिम मेयर बनाने के लिए मुसलमान मुत्ताहिद होकर मोहम्मद युसूफ को अपना कीमती वोट दें. यही हालात और वक्त की जरूरत है.

बरेली सुन्नी सूफी बरेलवी मुसलमानों का बड़ा संगठन ऑल इंडिया मुस्लिम जमात से जुड़े उलेमा ने शनिवार एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके नगर निगम इलेक्शन में मुसलमान मेयर प्रत्याशी मोहम्मद युसूफ को समर्थन की घोषणा की ओर शहर के मुसलमानों से अपील की कि ये बहुत अच्छा वक्त और हालात की जरूरत है कि मुसलमान को मेयर की कुर्सी पर बैठाए. प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए मशहूर आलिमे दीन मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रज़वी ने कहा कि जब से बरेली शहर को नगर निगम का दर्जा मिला है, उस वक्त से लेकर आज तक कोई भी मुसलमान मेयर नहीं बन सका.  तीन लाख सैंतीस हजार (337000) मुस्लिम मतदाता होने के बावजूद भी गैरों को मेयर बनवाते आए है. मगर मौजूदा समय में मुसलमान होशमंदी, समझदारी, और मुत्ताहिद होकर अपने भाई बसपा प्रत्याशी मोहम्मद युसूफ को वोट दे देते हैं तो नगर निगम पर मुसलमानों का कब्जा हो जाएगा. मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रज़वी ने जज्बाती अंदाज में मुसलमानों से अपील करते हुए कहा कि ‘ऐ मेरी कौम के लोगों भाजपा को अपने दिल में बैठाने वाले डॉ आईएस तोमर से होशियार हो जाओ. ये तुम्हारे हमदर्द नहीं है, ये जब मेयर थे तो विकास कार्यों में भेदभाव किया और मुस्लिम मौहल्लों में काम नहीं कराए गए. आज सुनहरा मौका है कि एक मुसलमान को मेयर की कुर्सी पर पहुंचा दो.  गैरों की गुलामी कब तक करते रहोगे, गैरों की दरी और कुर्सी कब तक बिछाते रहोगे. ऐ मेरी कौम के लोगों आज हालात तुम्हारे फेवर में है, तुम्हारी बहुत बड़ी तादाद है, तुम मुत्ताहिद हो जाओ तो इंक़लाब ला सकते हो. उलेमा ने प्रेस कांफ्रेंस में स्पष्ट रूप से कहा कि हमारी मुस्लिम कौम बहुत भोली भाली है. डॉ तोमर की रणनीत को नहीं समझ पाई. पहले भी ये बीजेपी से टिकट मांग रहे थे और टिकट हो भी गया था. बीजेपी  मुख्यालय लखनऊ से हरी झंडी पाकर जब लखनऊ से बरेली के लिए रवाना हुए तो रास्ते से ही टिकट बीजेपी ने काट दिया. फिर सपा का समर्थन लेकर दो बार मुसलमानों ने मेयर की कुर्सी पर बैठाया. अब तीसरी बार भी लखनऊ-दिल्ली के बड़े-बड़े बीजेपी नेताओं के दरबार में हाजिरी लगाने के बाद भी टिकट नहीं मिला, तो फिर सपा समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव के मैदान में आ गए. इससे ये जाहिर होता है कि डॉ तोमर के दिल व दिमाग में भारतीय जनता पार्टी बसी हुई है. उलेमा ने 5 साल में मुसलमानों पर आई बड़ी मुसीबतों का जिक्र करते हुए कहा कि मुसलमान बहुत परेशानियां का शिकार हुए. रुहेलखंड युनिवर्सिटी के पीछे बुलडोजर चलाकर मज़ार को शहीद कर दिया गया. बिचपुरी के गरीब मुसलमानों के मकानात तोडे़ गये. इज्जतनगर रेलवे स्टेशन पर स्थित नन्हें शाह मियां माज़र को तोड़ने के लिये अधिकारियों ने नोटिस जारी कर दिया. इसी तरह बहुत सारे मुसलमानों के मुद्दे शहर में उत्पन्न हुए. मुसलमानों ने ये तमाम मसाइल खुद हल किये. मगर समाजवादी पार्टी का कोई भी नेता और खुद डॉ तोमर भी मुसलमानों के साथ नहीं खड़े हुए. डॉ तोमर शहर के मुसलमानों के मसाइल पर खामोशी इख्तियार किये रहे और किसी भी मुस्लिम मुद्दे पर मुसलमानों के साथ खड़े नहीं हुए. प्रेस कॉन्फ्रेंस के मौके पर मुफ्ती मौलाना हाफिज नूर अहमद अज़हरी, मज़हर इमाम कादरी, मौलाना फरीयाज अली रज़वी, मौलाना पीर मुजाहिद हुसैन कादरी, मौलाना अशरफ़ रजा बिलाली , मौलाना अरबाज रजा आदि मौजूद रहे.

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