- सात दिवसीय गणेशोत्सव का 25 सितम्बर को होगा विसर्जन
जौनपुर धारा, जौनपुर। गणेश चतुर्थी का पर्व हर साल धूमधाम से मनाया जाता है। भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से इस उत्सव की शुरुआत होती है और अनंत चतुर्दशी पर इसका समापन होता है। वैसे तो यह पर्व
महाराष्ट्र में प्रचलित है लेकिन विगत कई वर्षों से उत्तर प्रदेश सहित जौनपुर में भी इसे धूमधाम से मनाया जाने लगा है। जो आज मंगलवार से आरम्भ हो रहा है। चतुर्थी तिथि पर गणेश प्रतिमा की स्थापना के साथ 7 दिनों तक गणेशोत्सव का पर्व मनाया जाता है। फिर अन्तिम दिन प्रतिमा का विसर्जन करते हुए गणेशोत्सव पर्व संपन्न होता है। इस साल गणेश चतुर्थी मंगलवार 19 सितंबर को पड़ रही है यानी इसी दिन से गणेश उत्सव की शुरुआत हो जाएगी। गणेश चतुर्थी के दिन बप्पा के भक्त उन्हें ढोल-नगाड़ों के साथ धूमधाम से घर पर लाते हैं और उनकी स्थापना करते हैं। इस बीच गणपति बप्पा की सेवाभाव से पूजा-अर्चना वगैरह की जाती है। घर पर लेकर आते हैं और स्थापना करते हैं। भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 18 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 39 मिनट पर शुरू होगी और 19 सितंबर को दोपहर 01 बजकर 43 मिनट तक रहेगी। इस दिन नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में सैकड़ों स्थान पर गणपति की प्रतिमा स्थापित की जाती है और अधिकांश जगह तो घरों में भी चौकी पर विराजमान किया जाता है। इसके बाद उन्हें सिंदूर, फूलमाला, धूप, दीप, अक्षत, पान, लड्डू, मोदक, दूर्वा आदि अर्पित कर विधि-विधान व नियमित रूप से गणेश जी अराधना की जाती है। भगवान गणेश को दुखहर्ता, शुभकर्ता और विघ्नहर्ता जैसे नामों से जाना जाता है। मान्यता है कि गणेश चतुर्थी के दौरान गणपति की स्थापना जिस घर में की जाती है और विधि-विधान से पूजन वगैरह किया जाता है, उस घर के सारे कष्ट, परेशानियां और विघ्न गणपति अपने साथ ले जाते हैं। गणपति पूजा महासमिति के उपाध्यक्ष विशाल खत्री ने बताया कि समस्त पूजन समितियाँ 19सितम्बर को भगवान श्री गणेश की प्रतिमा का स्थापना करेगी। तत्तपश्चात सात दिवसीय पूजन अच&न करने के बाद 25 सितम्बर को महासमिति द्वारा सम्बद्ध समस्त समिति भगवान श्री गणेश की प्रतिमा का विसज&न पूरे विधि विधान से करेंगी। उन्होने बताया कि महासमिति के अन्त&गत कुल 58 संस्थाएं जुड़ी हुई है जबकि जिले भर में कुछ ऐसी संस्थाएं भी है जो अलग-अगल दिनों में विस&जन करतीं हैं। ऐसे में जनपद भर में लगभग 150 से अधिक स्थानों पर गणपति की प्रतिमा स्थापित की जाती है।