- बकरीद मुसलमानों को कुर्बानी का पैगाम देती है मौलाना : मौलाना महफूज़ुल
जौनपुर धारा, जौनपुर। कुर्बानी,अल्लाह के लिए बलि देने की प्रथा है, हर साल, ईद अल-अजहा के दिन, दुनिया भर के मुसलमान अपनी अपनी हैसियत के मुताबिक हज पूरा होने के उपलक्ष्य में बलि देते हैं। यह प्रथा पैगंबर इब्राहिम (अ. स.) की सुन्नत मानी जाती है, जो आखिरी पैगंबर हजरत मोहम्मद स.अ.ने भी बदस्तूर जारी रखी। इसी क्रम में जौनपुर में शाही ईदगाह मछलीशहर पड़ाव पर ईद की नमाज सुबह 8:15 पर मौलाना जाहिद ख़ुसैमा सिद्दीकी ने अदा कराई उन्होंने अपने ख़ुतबे में बताया कि बकरीद का त्योहार वास्तव में समाज के प्रति समर्पण का त्यौहार है, लोगों को अपने समाज व अपने पड़ोसी के बीच सामंजस्य के साथ-साथ प्रेम और भाईचारे के साथ रहना चाहिए किसी के भी हुकुक को नहीं मारना ही सच्ची कुर्बानी है। मौलाना ने अपने ख़ुतबे में कहा कि कौम के लोगों को चाहिए कि वह व्हाट्सएप और यूट्यूब से तकरीर जो सुनते हैं उसके बारे में भली भांति जान ले और कोशिश यह करें कि उनके क्षेत्र के जो आलीम है किसी भी जानकारी के लिए वह अपने नजदीकी आलीम की बात को ही माने क्योंकि यूट्यूब और व्हाट्सएप पर जो इस्लाम के ताल्लुक से विभिन्न प्रकार की बातें कही जा रही हैं उस पर विश्वास नहीं किया जा सकता। इसीक्रम में शिया ईदगाह सदर इमामबाड़ा बेगमगंज में हुज्जत उल इस्लाम जनाब महफुज़ुल हसन खां इमामे जुमा व प्रिंसिपल जामिया इमानिया नासिरया जौनपुर ने नमाज अदा कराई। खुत्बा-ए-ईदुल अजहा में ईदुल अजहा की अहमियत पर रोशनी डालते हुए कहा कि ईदुल अजहा मुसलमानों को कुर्बानी का पै$गाम देती है अल्लाह की ख़ुशनूदी हासिल करने के लिए हम सब में इन्सानियत की बहबूद के लिए अपने ज़ाती मफादात से उपर उठकर कुर्बानी देने का जज़्बा होना चाहिए, उन्होंने ईदुल अजहा की मुबारकबाद पेश की और देश की खुशहाली और अमन के लिए दुआ की नमाजियों की संख्या अधिक हो जाने के कारण दूसरी नमाज़ ईदगाह सदर इमामबाड़ा बेगमगंज में हुज्जत उल इस्लाम मौलाना आबिद आ$गा खान नजफी ने अदा कराई इस मौके पर मुतवल्ली शिया जामा मस्जिद नवाब बा$ग जौनपुर शेख़ अली मंज़र डेज़ी ने मुबारकबाद पेश की और वतने अज़ीज़ हिन्दोस्तान के सुख शांति, समृद्धि की खास दुआ की।