- पिछले छः दिनों से जारी है ठंड का सितम, सर्द हवाओं ने बढ़ाई परेशानी
- अलाव न जलने से निराश्रितों पर भारी पड़ रही सर्दी की रात
जौनपुर धारा, जौनपुर। कड़ाके की ठण्ड और शीतलहर अब अपने पूरे शबाब पर है। ठण्ड की वजह से इंसान से लेकर पशु तक सब बेहाल हैं। बहुत जरूरी हो रहा है तभी लोग घरों से निकल रहे हैं नहीं तो घर में ही रहना बेहतर समझ रहे हैं। पहली जनवरी से शीतलहर भी चलना शुरू हो गई है। पिछले दो दिनों से धूप भी नहीं निकली है जिसके कारण ठंड और ज्यादा बढ़ गई है। हालांकि कड़ाके की ठंड को देखते हुए जिलाधिकारी ने विद्यालयों को बंद करने के आदेश पहले ही दे दिए हैं। वहीं इतनी ज्यादा ठंड होने के बावजूद नगर पालिका द्वारा कहीं भी अलाव तक नहीं जलवाया गया। जिससे राहगीरों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सर्दी का सितम जारी है, 31 दिसंबर से तो ठंड अपनी पूरी लय में नजर आ रही है। रात के समय घर से बाहर निकलना चुनौती जैसा है।
सर्द हवाएं शरीर की हड्डियों को कंपा रही है। अलाव कहीं दिखाई नहीं पड़ रहे हैं, जिससे निराश्रितों पर सर्दी की रात भारी पड़ रही है। तापमान में असंतुलन से बहुत अधिक पाला पड़ने का खतरा बढ़ गया है। पिछले पांच दिनों से सर्दी कहर ढा रही है। अधिकतम तापमान तेजी से गिर रहा है जिस कारण दिन के समय सर्द हवा हाथ-पैर को सुन्न कर रही है। धूप भी नहीं निकल रही है, साथ ही धुंध भी छाई हुई है। वहीं आसमान साफ न होने से शुष्क सर्दी परेशान कर रही है। बाइक सवार अपने को पूरी तरह से स्वेटर, जैकेट, टोपी, मोफलर से ढंक कर चल रहे हैं क्योंकि जरा सी भी लापरवाही से लेनी की देनी पड़ सकती है। अलाव के पास बैठने से ही ठंड से राहत मिल रही है वो भी जब तक अलाव के पास बैठे हैं तभी तक। वहां से हटने के बाद फिर से कड़ाके की ठंड का सामना करना पड़ रहा है। शुक्रवार को सुबह कोहरा पड़ा तो हवा तेज चलने से शीतलहर ने हर किसी को कंपा दिया। सर्दी के कारण घर और दुकान कोल्ड स्टोरेज सरीखे हो गए हैं। दुकानों में भी लोग हीटर और ब्लोवर लगाकर बैठे हैं। कमरे के भीतर भी राहत पाने के लिए लोगों को हीटर और ब्लोअर का उपयोग करना पड़ रहा है। सड़क पर कहीं पर अलाव की व्यवस्था नहीं की गई है। ऐसे में लोग जुगाड़ कर के अलाव की व्यवस्था कर रहे हैं। रेलवे स्टेशन और बस स्टेशन पर सुबह और रात के समय सन्नाटा छाया रहा। अधिकतम तापमान औसत से पांच डिग्री कम रहा। कोहरे के कारण गाड़ियों की रफ्तार भी धीमी हो गई। सुबह के समय काफी ज्यादा कोहरा था, दिन में कुछ कम होने के बाद चार बजे से फिर बढ़ गया और रात में कोहरा इतना ज्यादा हो गया कि सड़कों पर गाड़ियां रेंग रही थी। दुर्घटना से बचने के लिए लोग धीरे-धीरे चल रहे थे। मौसम विभाग का मानना है कि अभी ठंड आगे के दस दिनों में ऐसे ही बनी रह सकती है।