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PAK आर्मी के काफिले पर बड़ा हमला, सेना की गाड़ियों को बनाया निशाना

पाकिस्तान के बलूचिस्तान में पाक आर्मी के खिलाफ हमले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं. ऐसा ही एक हमला बलूचिस्तान में फिर हुआ है, जिसमें 14 पाकिस्तानी सैनिकों की मौत हो गई है. बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना के काफिले पर हुए हमले में पाक सेना को इस साल का सबसे बड़ा नुकसान हुआ है.

जानकारी के मुताबिक यह घटना तब हुई, जब उग्रवादियों पसनी से ग्वादर जिले के ओरमारा जा रही सैनिकों से भरी दो गाड़ियों पर घात लगाकर हमला कर दिया. यह हमला तब हुआ है, जब दो दिन पहले ही सुरक्षा बलों ने झोब जिले के सांबास इलाके में 6 अलगाववादियों को मार गिराया था.एक दिन पहले ही अलगाववादियों ने खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के डेरा इस्माइल खान जिले में पुलिसकर्मियों के एक काफिले को निशाना बनाकर बम विस्फोट किया था. इस हमले में पांच लोगों की मौत हो गई थी और 20 से अधिक घायल हो गए थे. बता दें कि पूरे साल अलगाववादी बलूचिस्तान में सुरक्षा बलों को निशाना बनाते रहे हैं.दरअसल, नवंबर 2022 में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) और पाकिस्तान सरकार के बीच सीजफायर समझौते के खत्म होने के बाद अलगाववादियों ने पाक सेना पर अपने हमले तेज कर दिए हैं. इस हमले के बाद पाकिस्तानी सुरक्षाबलों की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि सेना इस समय सफाई अभियान चला रही है. इसलिए बौखलाए अलगाववादी सेना को निशाना बना रहे हैं. बलूचिस्तान के कार्यवाहक मुख्यमंत्री अली मर्दन डोमकी ने हमले की निंदा करते हुए अलगाववादियों को सबक सिखाने की बात कही.इससे पहले सितंबर में सुदूर मस्तुंग जिले में एक धार्मिक जुलूस को निशाना बनाकर आत्मघाती हमला किया गया था. इसमें एक पुलिसकर्मी सहित करीब 60 लोगों की मौत हुई थी. जुलाई में बलूचिस्तान के झोब और सुई इलाकों में सेना ने सर्च अभियान चलाए थे, लेकिन इसमें भी पाकिस्तान के 12 सैनिक मारे गए थे. सितंबर में जारी पाकिस्तान इंस्टीट्यूट फॉर कॉन्फ्लिक्ट एंड सिक्योरिटी स्टडीज (PICSS) की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान को अगस्त में 99 हमलों का सामना करना पड़ा, जो नवंबर 2014 के बाद से एक महीने में सबसे ज्यादा है. ग्वादर जिले में हाल के महीनों में सबसे ज्यादा हमले हुए हैं और अगस्त में प्रतिबंधित बलूच लिबरेशन आर्मी से जुड़े अलगाववादियों ने ग्वादर के बंदरगाह शहर में 23 चीनी इंजीनियरों के काफिले पर हमला किया था. 

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