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Homeअंतर्राष्ट्रीयNepal में भूकंप ने मचाई तबाही, अब तक 48 लोगों की मौत

Nepal में भूकंप ने मचाई तबाही, अब तक 48 लोगों की मौत

नेपाल में शुक्रवार देर रात आए भूकंप ने तबाही मचा दी है. 6.4 तीव्रता के भूकंप के झटकों में कई इमारतें ढह गई हैं. भूकंप के बाद अब तक 69 लोगों की मौत हो चुकी है. मलबे में दबने के कारण कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. बताया जा रहा है कि भूकंप के कारण ज्यादातर लोगों की मौत रुकुम पश्चिम और जाजरकोट में हुई है. मृतकों की जानकारी रुकुम पश्चिम के डीएसपी नामराज भट्टराई और जाजरकोट के डीएसपी संतोष रोक्का ने एजेंसी को दी है.

नेपाल में तबाही मचाने वाले भूकंप की तीव्रता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उसका असर दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत में देखा गया. बिहार के पटना और मध्य प्रदेश के भोपाल तक भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए. नेपाल के राष्ट्रीय भूकंप मापन केंद्र के मुताबिक भूकंप का केंद्र नेपाल के जाजरकोट जिले के लामिडांडा इलाके में था. इस भूकंप का असर यूपी के लखनऊ में भी देखा गया था, जहां लोग झटके महसूस होने के बाद घरों से बाहर निकल आए थे. नेपाल में पिछले कुछ महीनों के अंदर भूकंप की घटनाओं में बढ़ोतरी देखी गई है. पिछले महीने की 22 अक्टूबर को आए भूकंप का केंद्र भी नेपाल ही था. नेपाल में भूकंप के 4 झटके लगे थे. सुबह 7:39 मिनट पर भूकम्प का पहला झटका लगा था. जिसकी तीव्रता रेक्टर स्केल पर 6.1 मापी गई. इसके बाद भूकंप का दूसरा झटका 4.2 तीव्रता का 8:08 मिनट आया था. भूकम्प का तीसरा झटका सुबह 8:28 मिनट पर महसूस किया गया था और इसकी तीव्रता 4.3 रही थी. इसके बाद 8:59 मिनट पर चौथी बार भूकंप का झटका महसूस किया गया था. धरती की ऊपरी सतह सात टेक्टोनिक प्लेटों से मिल कर बनी है. जहां भी ये प्लेटें एक दूसरे से टकराती हैं वहां भूकंप का खतरा पैदा हो जाता है. भूकंप तब आता है जब इन प्लेट्स एक दूसरे के क्षेत्र में घुसने की कोशिश करती हैं, प्लेट्स एक दूसरे से रगड़ खाती हैं, उससे अपार ऊर्जा निकलती है, और उस घर्षण या फ्रिक्शन से ऊपर की धरती डोलने लगती है, कई बार धरती फट तक जाती है, कई बार हफ्तों तो कई बार कई महीनों तक ये ऊर्जा रह-रहकर बाहर निकलती है और भूकंप आते रहते हैं, इन्हें आफ्टरशॉक कहते हैं.

तीव्रता के हिसाब से क्‍या हो सकता है असर

0 से 1.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही पता चलता है.

2 से 2.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर हल्का कंपन होता है.

3 से 3.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर जाए, ऐसा असर होता है.

4 से 4.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर खिड़कियां टूट सकती हैं. दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं.

5 से 5.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर फर्नीचर हिल सकता है.

6 से 6.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतों की नींव दरक सकती है. ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है.

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