मुखर्जी अपनी नई फिल्म ‘मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे’ के साथ बड़े पर्दे पर वापसी कर रही हैं. इस फिल्म की कहानी एक मां पर आधारित है जो चाइल्ड सर्विसेज के हाथों अपने बच्चों को खो देती है. इसके बाद उनकी जिंदगी की सबसे मुश्किल और लंबी लड़ाई शुरू होती है, जिसमें उसे अपने बच्चों को सरकार से किसी भी हाल में वापस लेना है.नी पर आधारित है.फिल्म ‘मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे’ का ट्रेलर गुरुवार को रिलीज हुआ है. इसमें रानी मुखर्जी को देबीका चटर्जी के रोल में देखा जा सकता है. देबीका अपने परिवार के साथ नॉर्वे में रहती है. ट्रेलर की शुरुआत में देबीका अपने बच्चों के साथ हंसती-खेलती, उन्हें दुलारती और उनका ख्याल रखते नजर आती हैं. वो अपने हाथों से बच्चों को खाना खिलाती है और उनके साथ अलग-अलग खेल खेलती है.फिर अचानक उनके घर कुछ अनजान लोग आकर उनके बच्चों को ले जाते हैं. बाद में पता चलता है कि वो चाइल्ड सर्विसेज के लोग हैं, जो देबीका की परवरिश पर सवाल उठाकर उनके बच्चों को फॉस्टर केयर में डालने वाले हैं. फिल्म में रानी बच्चों को वापस पाने के लिए कोर्ट में लड़ाई लड़ती दिखेंगी.फिल्म मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे के ट्रेलर से एक सीन फिल्म के ट्रेलर में रानी मुखर्जी का परफॉरमेंस बता रहा है कि ये फिल्म कितनी जबरदस्त होने वाली है. एक्ट्रेस अपनी बेस्ट परफॉरमेंस में से एक ‘मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे’ फिल्म में दे सकती हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि ये कहानी एक सच्ची घटना पर आधारित है? जी हां, ये बेहद डरवानी और दिल तोड़ने वाली कहानी असल जिंदगी के केस से ली गई है. आइए आपको इसके बारे में बताएं:इस असल जिंदगी की कहानी पर है फिल्म मई 2011 में सामने आए दर्दनाक मामले पर फिल्म ‘मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे’ आधारित है. सागरिका भट्टाचार्य और अनुरूप भट्टाचार्य नाम के भारतीय कपल अपने दो बच्चों, एक साल की बेटी ऐश्वर्या और 3 साल के बेटा अभिज्ञान, के साथ नॉर्वे में शिफ्ट हुआ था. नॉर्वे की चाइल्ड वेल्फेयर सर्विसेज ने (CWS) ने उनपर अपने बच्चों को फॉस्टर केयर में देने का दबाव बनाया था. कपल अपने बच्चोंफिल्म मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे के ट्रेलर से एक सीन परिवार का कहना था कि ये सब संस्कृति में फर्क की वजह से हुआ है. सागरिका का अपने बच्चों को हाथों से खाना खिलाना नॉर्वे के चाइल्ड प्रोटेक्शन वालों को जबरदस्ती खिलाना लगा था. बच्चों की कस्टडी की लड़ाई शुरू हुई और भारत की सरकार ने भी इसमें हिस्सा लिया. हालांकि कुछ बदलावों के बाद भारत सरकार ने इस मामले में दखल बंद कर दिया था. नवंबर 2012 में सागरिका भट्टाचार्य का साइकेट्रिक टेस्ट हुआ और उन्हें अपने बच्चों को पालने के लिए बिल्कुल सही पाया गया. तब उन्हें अपने बच्चों को वापस घर लाने की इजाजत मिली थी. एक मां की दर्दनाक और मुश्किल कहानी को अब रानी मुखर्जी बड़े पर्दे पर लेकर आ रही हैं. इस फिल्म में उनके साथ नीना गुप्ता, जिम सरभ और अनिर्बान भट्टाचार्य ने काम किया है. डायरेक्टर आशिमा छिब्बर ने इस फिल्म को बनाया है. ये फिल्म 17 मार्च 2023 को रिलीज होगी. को तब तक नहीं देख सकता था जब तक वो 18 साल के नहीं हो जाते.
― Advertisement ―
मान्यता कक्षा 5 तक चल रहे अवैध हाईस्कूल इण्टर कॉलेज
मई बरपुर एक-एक भवनो में चल रहे दो-दो कॉलेजआरटीआई के आवेदन पत्र से हुआ खुलासाजौनपुर। सरकार बगैर मान्यता के अवैध कॉलेज को बंद करने...
Mrs. Chatterjee Vs Norway Real Story : एक मां जिसने अपने बच्चे खोए, फिर विदेश में लड़ी जंग रानी
