Become a member

Get the best offers and updates relating to Liberty Case News.

― Advertisement ―

spot_img

सपा ने बुथ से यूथ को जोड़ने के बनाई रणनीति

सोनभद्र। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर नगर के सेक्टर सी में रविवार को बुथ सेक्टर बैठक आयोजित की गई।...

E-Paper 21-07-2025

Homeअपना जौनपुरKerakat News : रुपए लेकर जमीन की हेराफेरी का लगा आरोप

Kerakat News : रुपए लेकर जमीन की हेराफेरी का लगा आरोप

  • रुपए के प्रभाव में पूर्व एसडीएम ने नवीन परती भूमि को कर दिया विद्यालय के नाम

जौनपुर धारा, केराकत। ‘वंदे हैं हम उसके, हमपर किसका जोर, उम्मीदों के सूरज निकले चारों ओर’ यह गीत साल 2013 में आई फिल्म धूम-3 का हैं। फिल्म में अभिनय करते हुए कलाकार लगातार अपनी चोरी में सफल होकर, नियम व सिस्टम के साथ खूब आंखमिचौली करता हैं, कुछ ऐसा ही वाकया जौनपुर की केराकत तहसील में हुआ। यहां एक एसडीएम ने सरकारी तंत्र का हिस्सा रहते हुए, नियम की बखिया उधेड़ दी। नियमों को ताक पर रखते हुए, मनमाने तरीके से नाऊपुर गांवसभा की भूमि को विद्यालय के नाम कर दिया। तत्कालीन एसडीएम पर यह लाइन सटीक बैठती हैं। जिनसे शासन व आम जनता तो न्याय व नियमों के पालन के इंतजार में थी, लेकिन एसडीएम ने धूम-3 के चर्चित लाइन को चरितार्थ करने में जुटी रहीं। नाऊपुर के समाजसेवी रितेश सिंह के अदम्य पैरवी व शिकायत के आगे अवैध तरीके से पारित आदेश को एसडीएम ने ही पलट दिया। मालूम हो कि तत्कालीन एसडीएम नेहा मिश्रा ने नियमों को ताक पर रखते हुए, ग्रामसभा नाऊपुर के नवीन परती खाते की भूमि को कृषक इण्टर कॉलेज के नाम पर दर्ज किया। उक्त मामले की जानकारी जब नाऊपुर के ग्राम प्रधान व समाजसेवी रितेश सिंह को हुई तो जिले के अधिकारियों के यहां लिखित शिकायत दर्ज कराई। लेकिन ‘ढाक के तीन पात’ मामला जस का तस रहा। कोई कार्रवाई न होने से क्षुब्द ग्राम प्रधान ने कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर को शिकायत पत्र दिया। जिसमें कहा कि एसडीएम नेहा मिश्रा ने भारी रकम लेकर उक्त जमीन को नियमों से परे जाकर बिना किसी जांच पड़ताल के कृषक इण्टर कॉलेज के नाम कर दिया। मंत्री ने लेटर हेड पर मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए, एसडीएम के खिलाफ जांच की मांग कर दी, जिससे जिले में हड़कंप मच गया। तत्कालीन एसडीएम नेहा मिश्रा के घुस लेने की खबर सोशल मीडिया पर तैरने लगी। इसी बीच देवरिया के रणधीर सिंह ने लोकयुक्त से एसडीएम के संपत्ति जांच की मांग कर दी। हालांकि पूरे मामले के अधिकारियों ने चुप्पी साध ली थी। कुछ दिन बाद खबर दब गई,तब तक एसडीएम का ट्रांसफर बस्ती हो गया। समाजसेवी रितेश सिंह के अनवरत पैरवी से पूर्व की तरह नवीन परती को सरकारी अभिलेख में दर्ज करवा दिए। जिसकी चर्चा जोरों पर हैं। वहीं बुद्धिजीवियों का कहना हैं कि केराकत तहसील में भ्रष्टाचार आकंठ तक भरा हुआ हैं, अधिकारी अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं। तत्कालीन एसडीएम नेहा मिश्रा के ऊपर विधिक कार्रवाई की जानी चाहिए, जिससे कि भ्रष्टाचार करने वालों को सबक मिले।

Share Now...