जौनपुर धारा, जौनपुर। पूर्वांचल विश्वविद्यालय में यूजीसी पे स्केल की मांग को लेकर संविदा शिक्षकों ने अपना मोर्चा खोल दिया है। शिक्षकों ने लंबे अरसे से यूजीसी पे-स्केल की मांग प्रशासन के समक्ष रखी है, बावजूद इसके प्रशासन नियमों को ताख पर रखकर शिक्षकों का शोषण कर रहा है। आज संविदा शिक्षकों ने बैठक कर विश्वविद्यालय प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि नियमों के मुताबिक शिक्षकों को वेतन भुगतान नहीं किया जाता तो शिक्षक आंदोलन की राह पकड़ेंगे। बैठक में संविदा शिक्षक डॉ अनुराग मिश्र ने कहा कि विश्वविद्यालय परिसर में जिन विभागों में संविदा शिक्षक कार्यरत हैं इसकी सालाना आय 12करोड़ 55लाख 94हजार 372 रूपया है, शासनादेश के हिसाब से उसका 75ज्ञ् जो शिक्षकों के वेतन पर खर्च होना चाहिए वह 09करोड़, 41 लाख, 95 हजार779 रुपया है परिसर में कुल 72 शिक्षक कार्यरत हैं, जिन्हें यदि विश्वविद्यालय यूजीसी का न्यूनतम वेतनमान रुपया 57,700 रूपया प्रदान कर दे, तो सालाना खर्च 4 करोड़ 98 लाख 52हजार 800 होगा। बावजूद इसके विश्वविद्यालय प्रशासन को 04करोड़ ,45 लाख, 42 हजार, 979 रूपये की बचत होगी। विश्वविद्यालय लगभग तीन करोड़ फायदे में है। डॉ.प्रमेंद्र विक्रम सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय हमेशा निर्माण कार्यों में रुचि लेता है। उसे करने में इसे कभी भी धन की कमी नजर नहीं आती, लेकिन जब शिक्षकों को वेतन देने की बात ही आती है। तो इनको आर्थिक तंगी नजर आने लगती है। दो मुनेंद्र सिंह ने कहा कि शासना देश के मुताबिक विश्वविद्यालय में चल रहे पाठ्यक्रमों का ऑडिट होना चाहिए और आज तक शिक्षकों का जो हक मर गया है। उसका पाई पाई का हिसाब विश्वविद्यालय को देना होगा। बैठक में डॉ.नितिन सिंह, डॉ.राजितराम सोनकर, डॉ.अंकित कुमार, डॉ.राहुल कुमार राय, डॉ.हेमंत सिंह, डॉ.पूजा सक्सेना, डॉ.जय शुक्ला, डॉ.राजीव कुमार, डॉ.सौरभ सिंह, डॉ.नवीन चौरसिया, डॉ.सुनील यादव, डॉ.पी.सी.यादव, डॉ.सुधीर सिंह, प्रीति सोनकर आदि उपस्थित रहे।
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