- ओपीडी 2 घंटे बंद होने से मरीज काफी निराश होकर लौटे घर
जौनपुर धारा, जौनपुर। उमानाथ सिंह राज्य चिकित्सा मेडिकल कॉलेज सिद्धीकपुर परिसर में बंगाल में हुए महिला डॉक्टर की हत्या की घटना को लेकर शनिवार को ओपीडी बंद करके प्रदर्शन किया और आरोपियों को फांसी की सजा दिए जाने की मांग की।
मिली जानकारी के अनुसार बंगाल में हुए महिला डॉक्टर के दुष्कर्म के बाद हत्या किए जाने को लेकर उमानाथ सिंह राज्य चिकित्सा महाविद्यालय मेडिकल कॉलेज सिद्धीकपुर के एमबीबीएस के छात्र-छात्राओं व डॉक्टर ने ओपीडी को बंद करके प्रदर्शन करने लगे। परिसर में वह बंगाल सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। इस दौरान घटना में शामिल आरोपियों को फांसी की सजा दिए जाने की मांग की और देशभर में डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए अलग व्यवस्था बनाने की मांग की। मेडिकल कॉलेज में करीब डेढ सौ से अधिक मरीज को दवा न मिलने के कारण वापस लौटना पड़ा। ओपीडी बंद होने से मरीजों को परेशानी हुई। हालांकि अपराहन को ओपीडी शुरू हुई। लेकिन तब तक सभी मरीज लौट चुके थे। इस दौरान डॉ.तबस्सुम डीन, वॉइस प्रिंसिपल प्रेसिडेंट डॉ.रुचिरा, डॉ.आशीष एचओडी, डॉ.सच्चिदानंद एचओडी समेत काफी संख्या में मेडिकल के छात्र छात्राएं व डाक्टर मौजूद रहे।
निर्मला यादव पकड़ी ब्लाक फतेगंज ने कहा कि हम दवा लेने नौ बजे से आकर लाइन में लग करके पर्चा बनवा करके जब डॉक्टर को दिखाने गई तो पता चला कि डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं। तो उन्होंने ने कहा कि दोपहर के बाद मरीज को देख करके हड़ताल करना चाहिए जिससे और दूसरे की जिंदगी बच सके लेकिन दवा न मिलने पर काफी निराश होकर लौटना पड़ रहा है। अरुण सिंह आजमगढ़ जिला के खंडौरा गांव निवासी ने कहा कि हम इतनी दूर से विश्वास के साथ आए कि बड़े डॉक्टर को दिखाने पर अच्छी दवा लिखते हैं जिससे मरीज को जल्दी ठीक होता है लेकिन यहां आने पर धरना प्रदर्शन डॉक्टर न बैठने पर आशा को निराशा में बदल गया जिससे हमारा पूरा दिन खराब चला गया यहां तो सिर्फ प्रदर्शन होता है डॉक्टर कम बैठते हैं। मरीजों के जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं। लोग डॉक्टर को भगवान का दूसरा रूप मानते हैं, लेकिन सब पर पानी फिर गया। निराशा जनक वापस लौटना पड़ रहा है।