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Jaunpur Dhara News : रामलीला में तीसरे दिन जन्मे राम रघुराई, अवध में बाजे बधाई

जौनपुर धारा, मुंगराबादशाहपुर। क्षेत्र के गुड़हाई की ऐतिहासिक रामलीला में तीसरे दिन की लीला में दिन चारों भाइयों के जन्म के साथ माता सीता के जन्म का बेहद मार्मिक और खूबसूरत मंचन किया गया। रामजन्म होते ही अवध वासियों ने मनाई खुशियां, गाने लगे सोहर गीत। जय श्रीराम के जयकारों से गूंज उठा रामलीला मैदान। 122वर्ष पुरानी ऐतिहासिक रामलीला कमेटी के मंच पर सोमवार रात में रामलीला में भगवान श्रीराम का जन्म हुआ। जिसके बाद क्षेत्र में लोगों ने उत्सव की तरह राम जन्म पर खुशी मनाई। रंगमंच पर कैलाश लीला और रामजन्म की लीला का मंचन किया गया। जब रावण का विमान कैलाश पर्वत से जाने वक्त रुक गया। भगवान शंकर ने रावण का अहंकार तोड़ा। रावण वेदवती संवाद के बाद राम जन्म का मंचन दिखाया गया। राजा दशरथ की तीनों रानियों ने खीर खाकर भगवान श्रीराम, लक्ष्मण भरत और शत्रुघ्न को जन्म दिया। राम के जन्म होते ही रंगमंच पर खुशियां मनाई गई। राम-सीता का जन्म होते ही गूंज जयकारे रामलीला मंचन के तीसरे दिन दिन राम और सीता के जन्म के दृश्य दर्शाए गए। जन्म होते ही राम-सीता के जयकारों से पंडाल गूंज उठा। दशरथ अपने दरबार में व्याकुल दिखाई दिए। उन्होंने मंत्री से अपनी व्याकुलता बताते हुए कहा कि उनकी अभी तक कोई औलाद नहीं हुई है। तब मंत्री ने उन्हें श्रृंगी ऋषि को बुलाकर हवन यज्ञ कराने की सलाह दी। हवन यज्ञ करा कर प्रसाद का आचमन दशरथ की रानियों कौशल्या, कैकई और सुमित्रा को कराया। जिससे उन्हें पुत्रों की प्राप्ति हुई। जिनका नाम राम, भारत, लक्ष्मण और शत्रुघन रखा गया। दूसरी ओर जनक के राज्य में पानी न बरसने से किसान भूखों मरने लगे। विश्वामित्र के कहने पर राजा जनक ने किसान बनकर हल चलाया उनका हल घड़े से टकरा गया। जिसमें से एक कन्या निकली। विश्वामित्र ने उसका नाम सीता रखा। वहीं महादेव भी प्रभु श्री राम का दर्शन करने अयोध्या पहुंचे और अपने प्रभु का दर्शन कर भाव विहाल हो गए। इस अवसर लीला का मंचन देख रहे श्रोताओं ने चारों भाइयों और माता सीता के जन्म की खुशियां मनाई और सोहर गीत गाते हुए नजर आए। ऐसा लग रहा था मानो भक्त भगवान की भक्ति में डूबे हुए हैं और बधाई देते नहीं थक रहे हैं। जय सीताराम व जय श्री राम के जयकारों से समूचा नगर गुंजायमान हो गया।

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