बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 का चौथा टेस्ट मैच 26 दिसंबर से मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर खेला जा रहा है. भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली जा रही पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में रोहित शर्मा का बल्ला अब तक पूरी तरह खामोश रहा है. हालांकि, रोहित पिछली कुछ टेस्ट सीरीज से आउट ऑफ फॉर्म हैं. रोहित ऑस्ट्रेलिया दौरे में अब तक छठे नंबर पर बल्लेबाजी कर रहे थे. लेकिन मेलबर्न टेस्ट में उन्होंने यशस्वी जायसवाल के साथ ओपनिंग की.
मेलबर्न टेस्ट में ओपनिंग करना रोहित शर्मा के लिए फ्लॉप साबित हुआ. पहली पारी में रोहित 5 गेंदों पर सिर्फ 3 रन बनाकर ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस की गेंद पर आउट हो गए. गलत पुल शॉट खेलते हुए उन्होंने स्कॉट बोलैंड को आसान कैच थमा दिया, उनके इस प्रदर्शन ने भारतीय टीम मैनेजमेंट के फैसलों पर सवाल खड़े कर दिए हैं. पूर्व भारतीय क्रिकेटर संजय मांजरेकर ने रोहित शर्मा के ओपनिंग स्लॉट में लौटने के फैसले की आलोचना की और इसे केएल राहुल के साथ नाइंसाफी बताया. मांजरेकर ने कहा कि राहुल ने पहले तीन टेस्ट मैचों में ओपनिंग करते हुए शानदार प्रदर्शन किया था. यशस्वी जायसवाल के साथ उनकी साझेदारी रिकॉर्ड स्तर पर थी.
संजय मांजरेकर ने ईएसपीएनक्रिकइन्फो से कहा, “भारतीय क्रिकेट में यह आम बात है कि बड़े नामों को फॉर्म में लाने के लिए छोटे खिलाड़ियों की बलि दी जाती है. यह टीम के हित में नहीं है. केएल राहुल इस वक्त सबसे भरोसेमंद बल्लेबाज हैं, लेकिन सिर्फ रोहित शर्मा को वापस ओपनिंग में लाने के लिए राहुल का स्थान बदला गया. यह एक गलत निर्णय है. उन्होंने सचिन तेंदुलकर का उदाहरण देते हुए कहा, “ऐसा पहले भी हुआ है. वर्ल्ड कप 2011 के बाद तेंदुलकर ने संन्यास नहीं लिया क्योंकि वे 100 इंटरनेशनल शतकों का रिकॉर्ड बनाना चाहते थे. भारतीय क्रिकेट को अब वीआईपी कल्चर से बाहर निकलने की जरूरत है. संजय मांजरेकर ने रोहित शर्मा के संघर्ष को लेकर सहानुभूति जताई, लेकिन उनकी खराब फॉर्म को चिंता का विषय बताया. उन्होंने कहा, “रोहित पिछले 14 पारियों में सिर्फ 152 रन बना पाए हैं. उनका आखिरी अर्धशतक न्यूजीलैंड के खिलाफ आया था. उनकी मानसिक स्थिति और शॉट चयन में संघर्ष साफ नजर आ रहा है. वह गेंदों को सही तरीके से पढ़ नहीं पा रहे हैं.



