इस साल सावन का पवित्र महीना 22 जुलाई दिन सोमवार से शुरू हो रहा है. उस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग में शिव का प्रिय मास श्रावण का शुभारंभ है. सावन माह में आप शिव पूजा से अपनी मनोकामनाएं पूरी कर सकते हैं. सावन का हर दिन महादेव के लिए विशेष माना गया है. कहा जाता है कि सावन माह में आप सच्चे मन से भोलेनाथ को एक लोटा जल अर्पित कर देते हैं तो वे उससे भी प्रसन्न हो जाते हैं. शिव भक्त अपने आराध्य को प्रसन्न करने और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए कई उपाय करते हैं.
सावन में कैसे मिलेगा शिव का आशीर्वाद?
1. सावन में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए प्रत्येक दिन बेलपत्र अर्पित करें. बेलपत्र पर आप ओम नम: शिवाय या फिर राम लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाएं. ऐसा करने से आपको महादेव का आशीर्वाद प्राप्त होगा. मनोकामनाएं पूरी होंगी. बेलपत्र भगवान शिव को बहुत प्रिय है. इसके बिना शिव जी की पूजा पूरी नहीं होती है.
2. शिव कृपा प्राप्ति के लिए आप पूजा के समय शिव चालीसा का पाठ करें. समापन के समय शिव जी की आरती करें. शिव चालीसा में भगवान शिव शंकर की महिमा का बखान है और आरती करने से पूजा पूर्ण होती है. आरती करने से पूजा की कमियां दूर होती हैं. यदि आप पूरे सावन यह दो काम भी करते हैं तो आपको भगवान चंद्रशेखर का आशीर्वाद प्राप्त होगा. आपके कार्य सफल होंगे.
3. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जलाभिषेक करने से देवों के देव महादेव प्रसन्न होते हैं. ऐसे में आप श्रावण के हर दिन शिव जी का नियमित गंगाजल या साफ पानी से अभिषेक करें. उस दौरान ओम नम: शिवाय मंत्र का उच्चारण करते रहें. ऐसा करने से शिव कृपा मिलेगी और जीवन सुखमय होगा. दुख दूर होंगे.
4. सावन माह में शिव कृपा पाने का एक और उपाय है सोमवार व्रत. सावन सोमवार व्रत करने से आपकी विशेष मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती हैं. इसमें आप नियमपूर्वक व्रत करें और शिव जी की विधि विधान से पूजा करें. माता पार्वती संग शिव पूजा करने से अखंड सौभाग्य प्राप्त होता है. दांपत्य जीवन सुखमय होता है. विवाह में होने वाली देरी भी खत्म होती है और जल्द विवाह के योग बनते हैं.
5. रोग, ग्रह दोष, शारीरिक कष्ट, मानसिक पीड़ा, अकाल मृत्यु, कालसर्प दोष आदि से मुक्ति के लिए सावन में आपको रुद्राभिषेक कराना चाहिए. भगवान शिव का रुद्राभिषेक कराने से कार्यों में सफलता, धन-दौलत में वृद्धि, उत्तम स्वास्थ्य आदि की प्राप्ति होती है. सावन में आप किसी भी दिन रुद्राभिषेक करा सकते हैं, जबकि सावन के अतिरिक्त किसी भी अन्य माह में रुद्राभिषेक कराने के लिए शिववास का होना जरूरी है.