- ग्लोबल GDP में सिर्फ 5 देशों की आधे से अधिक हिस्सेदारी
साल 2022 अब अपने आखिरी पड़ाव पर पहुंच चुका है। कुछ ही घंटे में पूरी दुनिया नए साल यानी साल 2023 का स्वागत कर रही होगी। नए साल में दुनिया कई लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में कदम बढ़ाएगी, नए कीर्तिमान रचे जाएंगे। शनिवार की रात 12 बजे के बाद से कैलेंडर में तारीख और साल दोनों बदल जाएंगे।
साल 2022 को अलविदा कहने से पहले उन ऐतिहासिक मील के पत्थरों पर एक नजर डाल लेते हैं, जिन्हें दुनिया ने मिलकर इस साल हासिल किया। आर्थिक मोर्चे पर मुश्किल हालात से गुजरते हुए वैश्विक अर्थव्यवस्था ऐतिहासिक आंकड़े के पार पहुंची। पृथ्वी पर मानव की आबादी भी एक बड़े नंबर के पार पहुंची। भारतीय अर्थव्यवस्था ने भी छलांग लगाई। साल 2022में पृथ्वी की आबादी 8 अरब के पार पहुंच गई। वैश्विक अर्थव्यवस्था ने 100 ट्रिलियन डॉलर का आंकड़ा पर कर लिया। घ्श्इ के डेटा के अनुसार, दुनिया की अर्थव्यवस्था 101.6 ट्रिलियन डॉलर हो गई है। सबसे अहम बात ये है कि दुनिया की इस विशाल अर्थव्यवस्था में भारत का अहम योगदान है। भारत दुनिया की टॉप पांच अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है।
दुनिया की टॉप-10 अर्थव्यवस्था
रैंक देश जीडीपी (अरब डॉलर में)
1 अमेरिका $25,035.2
2 चीन $18,321.2
3 जापान $4,300.6
4 जर्मनी $4,031.1
5 भारत $3,468.6
6 ब्रिटेन $3,198.5
7 फ़्रांस $2,778.1
8 कनाडा $2,200.4
9 रूस $2,133.1
10 इटली $1,997.0
पांच देशों की हिस्सेदारी आधे से अधिक
आंकड़े के अनुसार, 2022 में पूरी दुनिया की ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट में आधे से अधिक हिस्सा सिर्फ पांच देश अमेरिका, चीन, जापान, जर्मनी और भारत का है। दिलचस्प बात ये है कि भारत ने इस साल ब्रिटेन को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की टॉप पांच अर्थव्यस्थाओं में अपनी जगह बनाई है। अगर दुनिया की टॉप पांच अर्थव्यवस्थाओं की जीडीपी को जोड़ दें, तो ये 55,156.7अरब डॉलर होगी और दुनिया की कुल जीडीपी 101,559.3 ट्रिलियन डॉलर है। ऐसे में ग्लोबल जीडीपी में इन पांचों देशों की हिस्सेदारी आधे से भी अधिक है।
ग्लोबल जीडीपी में टॉप-10 देशों की हिस्सेदारी
टॉप-10 में शामिल अन्य पांच देश ब्रिटेन, प्रâांस, कनाडा, रूस और इटली की जीडीपी को जोड़ दें, तो ग्लोबल जीडीपी में शीर्ष-10 अर्थव्यवस्थाओं की हिस्सेदारी 66 फीसदी बनती है। वहीं, टॉप-25 अर्थव्यवस्थाओं की ग्लोबल जीडीपी में हिस्सेदारी 84 फीसदी तक पहुंचती है।
सबसे छोटी जीडीपी
तुवालु के जीडीपी का आकार 64 मिलियन डॉलर है और ये दुनिया की सबसे छोटी जीडीपी है। तुवालू उन एक दर्जन देशों में से एक है, जिसकी जीडीपी एक अरब डॉलर से कम है।2023 में वैश्विक अर्थव्यवस्था 2023 की ओर बढ़ते हुए वैश्विक आर्थिक मोर्चे पर बहुत अधिक अनिश्चितता नजर आ रही है। एक्सपर्ट्स ग्लोबल आर्थिक मंदी की आशंका जता रहे हैं। अमेरिकी फेडरल रिजर्व का ब्याज दरों को लेकर आक्रामक रुख और चीन में कोविड की वजह से खराब होते हालात दुनिया को आर्थिक मंदी की तरफ धकेल सकते हैं। हालांकि, अभी पूरी तरह कुछ भी साफ नहीं, लेकिन ये सच जरूर है कि 2023 वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए अहम साल साबित होने वाला है।