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मणिकर्णिका घाट के गलियों में पहुंचा पानी, 1203 लोगों ने छोड़ा घर

वाराणसी। गंगा के बाढ़ का पानी मणिकर्णिका घाट के गलियों में पहुंच गया है। रविवार को दिनभर गलियों में नावें चलीं। सोमवार को भी...
Homeअपना जौनपुरखबरें एक नजर में...

खबरें एक नजर में…

बेरोजगार युवक-युवतियों का नामांकन  26 सितम्बर से

जौनपुर धारा, जौनपुर। विकासखण्ड करंजाकला बेरोजगार जन कल्याण संस्थान वाराणसी उप्र के द्वारा भू-मापन प्रशिक्षण का आयोजन विकासखण्ड करंजाकला के सहायक विकास अधिकारी कर्यालय के प्रधान/क्षेत्र पंचायत कक्ष में होगा। प्रशिक्षण प्रभारी प्रवीण कुमार दुबे ने बताया कि बेरोजगार युवक-युवतियों को पहले अपना नामांकन करना होगा। नामांकन 26 से 30सितम्बर तक विकास खण्ड कार्यालय करंजाकला के सहायक विकास अधिकारी कार्यालय के प्रधान/क्षेत्र पंचायत कक्ष में समय 11:00 से 3:00 तक होगा। न्यूनतम योग्यता हाईस्कूल एवं उम्र 18 से 45 वर्ष  होगी। जिसमें ग्रामीण युवक-युवतियाँ अपना नामांकन करा सकते हैं। जिसमें भू-मापन, सर्वे नियम, चकबंदी, नक्शा, पैमाइश, भूमि हदबंदी, समाज संबंधित, विकास संबंधित व जनरल नॉलेज की जानकारी के साथ रोजगार भी उपलब्ध कराया जाएगा। इसका प्रशिक्षण 03 अक्टूबर से जनता जनार्दन इंटर कालेज जासोपुर चकिया में होगा।

समाजसेवी के निधन पर शोक

जौनपुर धारा, जौनपुर। जलालपुर क्षेत्र के रामपुर सोइरी (धनेहुँवा) ग्राम निवासी समाजसेवी गयाप्रसाद पटेल (77) की आयु में रविवार को बीएचयु में इलाज के दौरान निधन हो गया। वो कफी समय से बीमार चल रहे थे। निधन का खबर सुनते ही क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गयी। वे नायब तहसीलदार महोबा धनराज कुमार पटेल, डा.नक्षत्रधारी पटेल व जगधारी पटेल के पिता थे। उनके निवास स्थान पर सोमवार को शोक संवेदना देने पहुंचे फिल्म अभिनेता चन्दन सेठ, संतोष सिंह आई.इ.एस., कृष्णराज सिंह तहसीलदार मडियाहुं, दिगविजय सिंह मंडल अध्यक्ष, देवव्रत सिंह उप खण्ड अभियंता, अजीत जायसवाल नायब तहसीलदार, विक्रम नायब तहसीलदार, विरेन्द्र सिंह नायब तहसीलदार केराकत, डा.सच्चिदानंद एचओडी उमानाथ सिंह मेडिकल कालेज, अजय पटेल ग्राम प्रधान, विनय वर्मा समेत सैकड़ो लोगों का ताता लगा रहा।

सीएचसी पर केक काट कर मनाया गया फार्मासिस्ट दिवस

जौनपुर धारा, जौनपुर। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शाहगंज पर बड़े धूमधाम से फार्मासिस्ट-डे मनाया गया। आयोजन चिकित्सा अधीक्षक डॉ.रफीक फारूकी के नेतृत्व में हुआ। इस दौरान चिकित्सक व कर्मचारियों ने फार्मासिस्टों को बधाई दी।

सोमवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर भव्य ढंग से मनाया गया। इस दौरान केक काटकर एक दूसरे को बधाई दी गई। चीफ फर्मासिस्ट विजय बहादुर यादव, गिरीश चन्द्र यादव, जेपी पांडेय व नीलम यादव सम्मानित किया गया। इस दौरान मौजूद सभी चिकित्सकों व छात्रों ने चारों फर्मासिस्ट को केक खिलाया। कार्यक्रम में अधीक्षक डा.रफीक फारुकी ने कहा कि बिना फर्मासिस्ट के चिकित्सक अधूरा है। वहीं ट्रेनिंग पर आये फार्मेसी के छात्र-छात्राओं को बधाई दिया। कहा कि आप लोग तरक्की करें और समाज व देश की सेवा में अपना योगदान दे। वहीं अधीक्षक ने सभी फर्मासिस्ट को प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिन्ह दे सम्मानित किया। इस दौरान डा.अमित सिंह, डा.हरिओम मौर्या, डा.राहुल वर्मा, डा.अभिषेक रावत, डा.आर.बी.यादव, डॉ.राकेश कुमार, डॉ.संजीव कुमार यादव, डॉ.आशीष यादव, वरिष्ठ लिपिक मो.अब्बास, लिपिक अमित कुमार वाजपेई समेत फार्मेसी के छात्र व चिकित्सा कर्मी मौजूद रहे।

धान की अगेती फसलों में निकलने लगी बालियां, किसान खुश

जौनपुर धारा, जौनपुर। धान की खेती को लेकर किसानों में आशा-निराशा का दौर चलता रहा है। जुलाई और अगस्त महीने में बारिश बहुत कम होने से किसानों की मायूसी बहुत बढ़ गई थी और इस वर्ष कम बारिश के चलते पिछले साल की तुलना में धान की रोपाई भी कम क्षेत्रफल में हुई है। सितम्बर महीने में बीच-बीच में हल्की फुल्की बारिश से किसानों की निराशा कम हुई है। इस बीच धान की अगेती किस्मों में धान की बालियां निकलने लगी हैं। जिसे देखकर किसानों के चेहरे खुश होने लगे हैं। यह विकास खंड मछलीशहर के कठार गांव का दृश्य है। जहां किसान शीतला सिंह ने बताया कि रोपी गई अगेती प्रजाति में अब बालियां निकलने लगी हैं। धान की अगेती प्रजातियों की फसलें सामान्य प्रजातियों की तुलना में जल्दी तैयार हो जायेगी। धान की सामान्य प्रजातियों में अभी बाली निकलने में 15 से 20 दिन का समय लगेगा। धान की अगेती किस्म की फसल के जल्दी तैयार होने का लाभ किसानों को रबी फसलों की बुआई में मिलता है। गेहूं की फसल की ब्ाुआई समय से हो जाती है। लेकिन अगेती धान की फसल तैयार होने पर अगर बरसात होने लगती है, तो फसल के बर्बाद होने की आशंका बनी रहती है। इस सम्बन्ध में गांव बामी के किसान शैलेंद्र सिंह कहते हैं कि बालियों को निकलते समय किसानों को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है। क्योंकि इस समय धान की निकल रही बालियों पर कीट पतंगों का खतरा बढ़ जाने की सम्भावना होती है। जिस कारण फसल की पैदावार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आंशका बनी रहती है।

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